ऑक्यूपेशनल थेरेपी से ऑटिज़म प्रोब्लेमेटिक बिहेवियर में सुधार सम्भव: डॉ. नेहा पुंडीर
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- Apr 21, 2025

गाजियाबाद, 21 अप्रैल (हि.स.)। ऑटिज़म एक प्रकार का न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर है, जिसे मेडिकल भाषा में ऑरिज़्म स्पेक्ट्रम्स डिसऑर्डर भी कहते है। ऑक्यूपेशनल थेरेपी से ऑटिज़म प्रोब्लेमेटिक बिहेवियर में सुधार सम्भव है। यह बात डॉ. नेहा पुंडीर ने सोमवार की शाम को विजय नगर स्थित एसएसके पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में कही।
उन्होंने कहा कि ऑटिज़म एक प्रकार का न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर है जिसे मेडिकल भाषा में ऑरिज़्म स्पेक्ट्रम्स डिसऑर्डर भी कहते हैं। इस डिसऑर्डर में बच्चों की भाषा का विकास देरी से होना, उम्र के हिसाब से बातचीत करने का लेवल कम होना या एक ही तरह के व्यवहार को बार बार दोहराना आदि देखा जाता है। आमतौर पर यह बच्चे न अपनी बात ठीक से कह पाते है, न समझा पाते हैं और न ही अन्य लोगो से मिलजुल पाते हैं।
साइंस के मुताबिक अभी तक इसके सही कारणों का पता नहीं चल पाया है और वर्तमान में हर 52 बच्चों में से एक बच्चे में ये अवस्था पायी जा रही है।
जिस कारण इस डिसऑर्डर के बारे में जानना और समझना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। ऑटिजम में हर बच्चों में लक्षण कुछ कुछ अलग हो सकते हैं। कुछ बच्चों को बोलने में ज़्यादा दिक्कत होती है और कुछ बच्चों में प्रोब्लेमेटिक बिहेवियर बहुत ज़्यादा होते हैं। इसलिए इसे स्पैक्टम डिसऑर्डर कहा जाता है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर इन बच्चों में स्पीच डिले, अन्य बच्चों के मिलनसार न होना या अकेले में खेलना ज़्यादा पसंद करना, नाम से पुकारे जाने और भी हर बार पलट के न देखना, ज़्यादा ज़िद करना, एक जगह टिक कर न बैठ पाना, आई कांटेक्ट न कर पाना, सुनी हुई बात या शब्दों को बार बार दोहराना खिलौनो से खेलने के बजाए उन्हें लाइन में लगाते रहना, खुश होने और हाथ फड़फड़ाना या उछलना, कूदना ज़्यादा करते हैं यह कुछ लक्षण हैं जो ऑटिस्टिक बच्चे में हो सकते हैैं। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे में इस तरह के लक्षण दिखे तो माता पिता को भी पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट को अवश्य कंसल्ट करना चाहिये।
यह एक ऐसी कंडीशन है जिसका इलाज दवाईयो से संभव नहीं है। लेकिन अगर इसे शुरुआती सालों में ही पहचानकर जल्दी ऑक्यूपेशनल थेरेपी शुरू कर दी जाए तो कई प्रोब्लेमेटिक बिहेवियर में सुधार आ सकता है। स्कूल के चेयरमैन गुलशन भामरी ने अतिथियों का आभार प्रकट किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली