हिसार : बिजली मीटरों को टेंपरिंग करने वाले गिरोह का भंडाफोड़
- Admin Admin
- Mar 15, 2025

बिजली निगम काे जांच के दौरान मिले 3822 में से 1381 मीटर टैंपर
हिसार, 15 मार्च (हि.स.)। बिजली मीटरों से छेड़छाड़ करके उनमें टेंपरिंग करने
के बड़े मामले का भंडाफोड़ हुआ है। बिजली निगम को जांच के दौरान अकेले हिसार में
3822 में से 1381 मीटर टैंपर मिले हैं। एक अनुमान के अनुसार हर तीसरे मीटर से छेड़छाड़
करना पाया गया है। उपभोक्ता बिजली मीटर में छेड़छाड़ कर बिल को घटा देते हैं। मार्केट
में बिजली बिल घटाने का पुर्जा रेजिस्टेंस 10 रुपए में मिलता है जिससे चार गुना तक
बिल आसानी से घटाया जा सकता है।
बिजली निगम के अधिकारियों का कहना है कि जब किसी उपभोक्ता का बिल ज्यादा आता
है तो वह गिरोह से संपर्क कर मीटर के साथ छेड़छाड़ (टेम्परिंग) करवा लेता है। इसके बाद
मीटर की रीडिंग कम आती है और बिल भी कम आता है। इससे उपभोक्ता को फायदा होता है, लेकिन
बिजली निगम को नुकसान होता है। गिरोह मीटर में सीटी से मेन सर्किट यानी पीसी में जाने
वाली वायर या तार को काट देते हैं। उसकी जगह रेसिस्टेंस लगा देते हैं। रेजिस्टेंस लगा
देने से करंट का फ्लो मीटर में कम जाता है। इस कारण मीटर रीडिंग कम निकालता है और बिल
कम आता है। अगर कोई पुराना मीटर है तो उसे रिमोट के जरिए बाहर से कंट्रोल किया जा सकता
है।
पकड़ने जाने पर किया जाता जुर्माना
बिजली का कहना है कि बिजली मीटरों के साथ छेड़छाड़ मिलने पर एक साल की पेनल्टी
लगती है। अगर किसी का बिजली बिल एक माह का दो से तीन हजार रुपए आता है तो पेनल्टी
20 से 30 हजार रुपए लगती है। बिजली निगम को हर माह 100 से ज्यादा मीटर टेंपर मिलते
हैं। इसके लिए हिसार में विद्युत सदन के पीछे लैब बनाई गई है, जहां पर एसडीओ की नेतृत्व
में एक्सपर्ट की टीम मीटरों की जांच करती है।
बिजली की खपत को कम दिखाता गिरोह : एसडीओ
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के एसडीओ दिनेश कुमार
ने बताया कि करीब 3822 मीटरों को चिह्नित किया गया था। इनमें से 1381 मीटरों के साथ
छेड़छाड़ मिली और बिजली निगम टीम ने अपने कब्जे में लिया। बिजली निगम को 2205 मीटरों
के पुर्जे ठीक मिले। इस गड़बड़ी के खेल में गिरोह मीटर की रीडिंग को कंट्रोल करने के
लिए असली पुर्जे निकालकर नकली लगा देते हैं। इससे मीटर बिजली की खपत को कम दिखाकर कम
रीडिंग का बिल बनाता है। बिल भुगतान राशि कम रहती है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर