डोगरा लोक उत्सव बच्छ दुआ पर व्रती महिलाओं ने पारंपरिक पूजा अर्चना कर अपने पुत्रों की दीर्घायु की कामना की

On the occasion of Dogra folk festival Bachch Dua, fasting women performed traditional prayers and prayed for the long life of their sons


कठुआ 19 अगस्त । बच्छ दुआ डोगरा लोक उत्सव जो मां और बच्चे के बीच के बंधन का प्रतीक है, मंगलवार को जिला कठुआ में पारंपरिक उत्साह और प्रथागत अनुष्ठानों के साथ मनाया गया।

माताओं ने व्रत का पालन किया और मंदिर में रोट नामक मीठी रोटियां, भिगोए हुए काले चने और अपने बेटों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करने वाले अनुष्ठान करने के लिए जल स्रोतों और मंदिरों में गए। यह व्रत एक बार भोजन करने से होता है। हालांकि, भोजन में गाय के दूध और उससे बने व्यंजन और तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं किया जाता है। भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की द्वादशी पर बच्छ दुआ का पर्व जिलाभर में मंगलवार को धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। शहर के विभिन्न जलस्रोतों के पास व्रती महिलाओं ने पारंपरिक पूजा अर्चना करते हुए अपने पुत्रों की दीर्घायु की कामना की। शहर की एक मात्र कश्मीर कनाल, प्राचीन बावली, नहरों, मन्दिरों और तालाबों सहित अन्य कई जल स्रोतों के पास सुबह से ही महिलाओं की भीड़ लगना शुरू हो गई थी। सामूहिक रूप से महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से अपनी पूजा अर्चना करते हुए पुत्रों की दीर्घायु के लिए भगवान से प्रार्थना की। पूजा अर्चना कर रही आशा गुप्ता, सुरभि गुप्ता, मनीषा कुमारी, शैली खजुरिया, सुषमा, आरती गुप्ता, राजरानी, अर्चना आदि ने कहा कि यह परंपरा पिछले कई सालों से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि विशेष पूजा अर्चना अपने बेटों की दीर्घायु की कामना के लिए की जाती है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद माता यशोदा ने इसी दिन गोमाता का दर्शन और पूजन किया था। जिसके बाद गो माता को स्वयं भगवान कृष्ण ने नंगे पांव जंगल में दर्शन दिए थे। शास्त्रों में कहा है सब योनियों में मनुष्य योनि श्रेष्ठ है। यह इसलिए कहा है कि वह गोमाता की निर्मल छाया में अपने जीवन को धन्य कर सकें। गौमाता की पीठ में ब्रह्मड्ढ का वास है। गले में विष्णु का, मुख में रुद्र, मध्य में समस्त देवताओं सहित अन्य कई हिस्सों में देवी देवताओं का वास है। इसीलिए इसी दिन महिलाएं भी अपने बेटों की सलामती को लेकर व्रत रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन गोवंश की पूजा अर्चना से घर में सुख समृद्धि एवं मां लक्ष्मी की कृपा रहती है।

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