शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन भी लगा श्रद्धालुओं का तांता
- Admin Admin
- May 02, 2025

जयपुर, 2 मई (हि.स.)। विद्याधर नगर स्टेडियम में सात दिवसीय शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन भी अव्यवस्था का मंजर नजर आया। शुक्रवार को कथा स्थल पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा नजर आया। प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने के लिए प्रदेश भर के अलग-अलग कोने से लोग पहुंचे और देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई।
प्रसिद्ध कथा वाचक प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा सुनने के लिए दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ नजर आई। बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस ने व्यवस्था संभाली और कथा स्थल से काफी दूर बैरिकेडिंग लगा कर श्रद्धालुओं को रोक दिया। जिसके बाद तेज धूंप में भीड़ बढ़ृती गई और लोगों ने तेज धूंप में सड़कों पर बैठकर शिव महापुराण कथा सुनी। शिव महापुराण कथा के प्रारंभ होने से पहले ही आयोजन समिति के सदस्य अनिल कुमार संत ने किसी भी तरह के वीआईपी पास और वीआईपी मूवमेंट होने से साफ इनकार करते हुए मीडिया से भी छल किया और गुपचुप तरीके से अपने नजदीकी लोगों को वीआईपी पास जारी कर दिए। जिसके लिए कथा स्थल पर गेट नंबर -2 अलग से बनाया गया। ताकी वीआईपी पास से एट्री करने वालों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। धार्मिक अनुष्ठान में भी इस तरह का भेदभाव किया गया।
कथा आयोजकों ने वैसे तो कथा स्थल पर बड़े-बडे़ पांडाल बनाए , लेकिन एक तरफ तो एट्री और निकास के लिए एक ही गेट का इस्तेमाल करने के कारण श्रद्धालुओं को अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही गेट नंबर -2 से केवल वीआईपी एंट्री को लेकर भी श्रद्धालुओं में काफी निराशा रहीं। दोपहर दो बजे ही श्रद्धालुओं की संख्या करीब 2 लाख के पार पहुंच गई। जिसके कारण पंडाल में श्रद्धालुओं को जाने से रोका गया और कथा स्थल से काफी दूर ही पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर दिए।
विद्याधर नगर स्टेडियम में बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा श्रद्धालुओं को रोक लिया। जिसके बाद विद्याधर नगर स्टेडियम के आसपास जाम की स्थिति बन गई। जिसके बाद पुलिस ने आसपास के इलाकों में ट्रैफिक डायवर्ट कर यातायात जाम की स्थिति को सुचारु किया।
सड़क कर कथा सुनने को मजबुर हुए श्रद्धालुओं की पुकार को भोले बाबा ने सुन लिया। भीषण गर्मी भगवान ने भी श्रद्धालुओं का साथ दिया। हल्की बारिश की बौछारों और ठंडी हवाओं के बीच श्रद्धालुओं को गर्मी से कुछ राहत मिली और श्रद्धालुओं ने सड़क पर बैठकर शिव महापुराण का लुप्त उठाया।
कथा के दूसरे दिन कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा- 33 करोड़ देवी- देवताओं को पूजने का फल महादेव को एक लोटा जल चढ़ाने से मिलता है। कई बार जब हमारे जीवन में दु:ख, कष्ट, परेशानी आती है तो हम अपना जन्म पत्रिका, कुंडली दिखवाते है तो कुंडली देखने वाला, भाग्य देखने वाला कहता है कि घर में पितृ दोष, वास्तुदोष है, कालसर्प दोष है, मैं कहता हूं भगवान शंकर को एक लोटा जल चढ़ाने से ये सारे दोष समाप्त हो जाते है। लेकिन इसके लिए विश्वास का होना जरूरी है। वैसे तो जयपुर के भक्तों जैसा विश्वास किसका होगा। जो इतनी तेज धूप गर्मी के बावजूद कथा सुनने पहुंच रहे है।
कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने इस दौरान कुछ अलग उपाय भी बताएं। उन्होंने व्यक्ति के शरीर में किसी भी प्रकार के गांठ को लेकर कहा- अगर शरीर में कहीं गांठ पड़ गई हो तो उस व्यक्ति को एक बिल्व पत्र खिला दो कैसी भी गांठ हो निकल जाएगी। मैं ये नहीं कहता कि डॉक्टर को मत दिखाओ या वे जो ट्रीटमेंट बताएं वह मत करवाओ। क्योंकि डॉक्टर भी भगवान शिव का एक स्वरूप है। ऐसे में डॉक्टर जो कहे वह तो करो ही, इसके साथ ही एक बिल्व पत्र जिसके शरीर में गांठ पड़ गया हो उसे खिला दो। शरीर में कैसा भी गांठ हो निकल जाएगा।
कथा के दूसरे दिन राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी पहुंची। दीया कुमारी ने अपने संबोधन में कहा- यह मेरा विधानसभा क्षेत्र है। इसलिए मेरा ये सौभाग्य है कि हमारे क्षेत्र में आप कथा का वाचन कर रहे है। यहां क्षेत्र के लोगों को शिव महापुराण कथा सुनने का मौका मिल रहा है। विद्याधर नगर क्षेत्र में धार्मिक आयोजन होते रहते है। लेकिन इस व्यापक स्तर पर यह कथा हो रही है। इससे लोगों को कथा श्रवण का लाभ मिल रहा है। जयपुर शहर सांसद मंजू शर्मा, राजस्थान सरकार में सहकारिता मंत्री गौतम दक, साथ में मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक कालीचरण सर्राफ सपत्नीक पहुंचकर आशीर्वाद लिया।
कथा के दौरान प्रदीप मिश्रा ने चंचला देवी का उदाहरण देते हुए स्त्रियों को नसीहत दी।उन्होंने कहा- चंचला देवी अपने पति का मार्गदर्शन करते हुए कहती है कि तुम गलत जगह मत जाओ, गलत काम मत करो, गलत व्यसन मत करो, गलत भोजन मत करो, गलत दृष्टि मत रखो, गलत विचार मत रखो। यह विश्वास कहता है कि भारत की भूमि के प्रत्येक मां, प्रत्येक स्त्री अपने पति को अपने पिता को अपने पुत्र को अपने भाई को यह उपदेश देती रहती है कि गलत काम मत करो।
लेकिन आज के जमाने में दो चीजें बहुत ज्यादा गलत हो रही है। एक भोजन गलत होने लगा और दूसरा पहनावा गलत होने लगा। मैं आपसे पूछ रहा हूं कि तुलसी का पौधा आपके घर में है। तुलसी के पौधे में से मिट्टी हटा दी जाए और जड़ दिखने लगे तो पौधा जीवित रहेगा कि मर जाएगा? जिस पौधे की जड़ दिखने लगती है, वह पौधा एक न एक दिन समाप्त हो जाता है। उसी तरह वस्त्र पहनते समय एक बेटी को, महिला को इस बात का स्मरण रहना चाहिए कि अपने पेट में जो नाभी है यह जड़ है। इस नाभी को जितना हो सके वस्त्र से दबाकर रखोगे उतने सुरक्षित रहोगे।
कथावाचक ने कहा कि आज के जमाने में सुरक्षा क्यों गड़बड़ा रही है। मैं बताना चाहूंगा कि कोई प्रशासन या सरकार में इतना दम नहीं है कि वो क्राइम को रोक दे। क्राइम को अगर कोई रोक सकता है तो वो आपके घर के संस्कार है। आज जितने क्राइम हो रहे है उसका कारण खान-पान और पहनावा है। उन्होंने कहा- पहले एक व्यक्ति के जीवन में चार अवस्थाएं होती थी- बचपन, जवानी, अधेड़ी और बुढ़ापा। लेकिन आज के जमाने में केवल दो अवस्था रह गई है, एक बचपन और दूसरा बुढ़ापा। आज का व्यक्ति बचपन में मोबाइल चला-चलाकर जो काम जवानी और अधेड़ी में करता था, वो बचपन में कर रहा है। इसलिए लोगों कि न जवान बची और न अधेड़ी। इसका कारण कलिकाल है। जिस तरह से कलिकाल बढ़ रहा है, फैशन बढ़ता चला जा रहा है, व्यसन बढ़ता चला जा रहा है। इसके कारण लोगों के जीवन से दो अवस्थाएं चली गई है। ना तो जवानी बची और न अधेड़ी। क्योंकि बचपन में ही मोबाइल और सोशल मीडिया चला चलाकर आज के जमाने में छोटे बच्चे जवानी के क्रम का स्मरण कर रहे है। इसलिए बचपन से सीधे बुढ़ापे में पहुंच रहे है। इसलिए घर के बच्चों को श्रेष्ठ संस्कार देने का प्रयास करें।
माता पिता 20 साल तक बच्चे को पढ़ाते लिखाते है, ज्ञान देते है और राम बनाने का प्रयास करते है। मां बाप अपने बच्चे को पढ़ने के लिए बड़े शहरों में भेज देते है। 20 साल तक मां बाप अपना पैसा लगाकर, जान झोंककर अपने बच्चों को राम बनाने का प्रयास करते है। लेकिन 20 मिनट की कुसंगति बच्चों को मिलती है और बच्चे राम बनने की जगह रावण बन जाते है। मां बाप की 20 साल की तपस्या 20 मिनट में खत्म हो जाती है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश