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धमतरी, 21 फ़रवरी (हि.स.)। जल संरक्षण के लिए इस साल जिला प्रशासन ने दलहन-तिलहन बोने किसानों को प्रेरित किया। चना-गेहूं समेत अन्य फसल किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। खेतों में फसल तैयार है। अंचल के गांवों में कटाई-मिंजाई शुरू हो गई है। इधर जिला प्रशासन दलहन-तिलहन फसल के लिए बाजार उपलब्ध कराने पहली बार धमतरी जिले में चना फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। इसके लिए पंजीयन जारी है। अब तक धमतरी जिले में डेढ़ किसानों का पंजीयन हो चुका है, जो एक मार्च से चना फसल बेचेंगे।
राज्य शासन द्वारा धान के बाद अब समर्थन मूल्य पर चने की खरीद के लिए तेजी से किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। धमतरी जिले में अभी तक एक हजार 507 किसानों ने अपना पंजीयन किसान पोर्टल पर करा लिया है। समर्थन मूल्य पांच हजार 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से एक मार्च से किसानों के चने की खरीदी शुरू होगी। कलेक्टर नम्रता गांधी ने अधिक से अधिक चना उत्पादक किसानों से पोर्टल पर पंजीयन कराने और अपने चने की फसल पर वाजिब दाम लेने की अपील की है। जिले में चना खरीदी के लिए चालू रबी मौसम में लगभग नौ हजार किसानों के पंजीयन का लक्ष्य रखा गया है। जिले में अब तक धमतरी तहसील में 590, कुरूद तहसील में 815, मगरलोड तहसील में 40 और नगरी तहसील में 62 किसानों ने चना बेचने के लिए पंजीयन करा लिया है।
प्रति एकड़ छह क्विंटल होगी खरीद
राज्य सरकार इस वर्ष प्रधानमंत्री आशा योजना के तहत जिले में चना की फसल लगाने वाले किसानों से पांच हजार 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चना की खरीदी करेगी। उप संचालक कृषि मोनेश साहू ने बताया कि चना की फसल लगाने वाले किसान अपना पंजीयन किसान पोर्टल पर करा सकते हैं। इसके लिए किसानों को अपने खेत की ऋण पुस्तिका, आधार नम्बर, बैंक पास बुक और मोबाइल नम्बर के साथ आवेदन अपने क्षेत्र की सहकारी समिति में जमा करना होगा। पोर्टल पर पंजीयन के बाद क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा फसल का सत्यापन किया जाएगा। उप संचालक ने बताया कि इस वर्ष छह क्विंटल प्रति एकड़ किसानों से चना की खरीदी की जाएगी। इस वर्ष के लिए शासन द्वारा चना के समर्थन मूल्य 56 रुपये 50 पैसा प्रति किलो के मान से पांच हज़ार 650 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। जिले में चना खरीदी के लिए चार उपार्जन केंद्र बनाए जा चुके है और चार नए केन्द्रों के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
इन केन्द्रों में होगी खरीद
धमतरी विकासखंड में प्राथमिक सेवा सहकारी समिति तरसीवां और लोहरसी को उपार्जन केंद्र बनाया गया है। इसी तरह कुरूद विकासखंड में प्राथमिक सेवा सहकारी समिति रामपुर और कातलबोड़ को उपार्जन केंद्र बनाया गया है। इसके साथ ही चार नए उपार्जन केंद्रों नगरी, मगरलोड, धमतरी और छाती के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। उप संचालक ने इन चारों केंद्रों की जल्द ही स्वीकृति मिलने की भी संभावना जताई है। धमतरी जिले में इस वर्ष जिला प्रशासन और कृषि विभाग के समन्वित प्रयासों से लगभग साढ़े पंद्रह हज़ार हेक्टेयर रकबे में चना की फसल लगाई गई है। धमतरी विकासखंड में ही छह हज़ार 378 हेक्टेयर में किसानों ने चना की खेती की है। कुरूद विकासखंड में पांच हज़ार 875 हेक्टेयर, मगरलोड विकासखंड में लगभग ढाई हजार हेक्टेयर और नगरी विकासखंड में 726 हेक्टेयर रकबे में चने की खेती की जा रही है। ऐसे में उपजाए गए चने की समर्थन मूल्य पर ख़रीदी से किसानों को अच्छा फायदा होने की उम्मीद है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा