गौ आधारित प्राकृतिक कृषि ही निभाएगी राष्ट्र को विश्व गुरु बनाने में मुख्य भूमिका : डॉ अतुल गुप्ता

जयपुर, 30 जनवरी (हि.स.)। श्री पिंजरापोल गौशाला स्थित जैविक वन औषधीय पादप केंद्र में दो दिवसीय गौ आधारित प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों से आए युवा और जागरूक किसानों ने प्राकृतिक और जैविक कृषि के विभिन्न पहलुओं की बारीक जानकारी प्राप्त की।

अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयोजक और इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस एग्रीकल्चर स्किल डेवलपमेंट के चेयरमैन डॉ. अतुल गुप्ता ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि गाय के गोबर में 300 प्रकार के बैक्टीरिया और 1400 कंपाउंड पाए जाते हैं, जो मृतप्राय भूमि को उपजाऊ बनाकर उसमें उच्च किस्म की खेती संभव बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार किसानों के हित में कई योजनाओं के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना चाहती है।

कार्यक्रम में किसानों ने सहमति जताई कि निराश्रित गौ वंश को अपने-अपने घरों में रखकर उनकी सेवा की जाए, जिससे न केवल गौ वंश मुक्त क्षेत्र बनाए जा सकते हैं, बल्कि भूमि को भी जैविक कृषि के लिए तैयार किया जा सकता है। किसानों ने एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) और ओपीओडी (एक जिला एक उत्पाद योजना) जैसी योजनाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।

हैनिमन चैरिटेबल मिशन सोसाइटी की सचिव मोनिका गुप्ता ने स्वयं सहायता समूह और क्लस्टर योजनाओं के तहत किसानों को राष्ट्र निर्माण में सहयोग देने का आह्वान किया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में दौसा से गिर्राज मीणा, डीडवाना सिटी से दुर्जन सिंह गौड़, चाकसू से हेमराज देवन्दा और देवीलाल चौधरी, उदयपुर से पारस पटेल, मुरैना (म.प्र.) से जितेंद्र रावत, करौली से लोकेश मीणा और राजकुमार मीणा, सवाई माधोपुर से बसराम मीणा, सिरसी से जितेंद्र महर्षि, साउथ दिल्ली से अभिषेक भारद्वाज, नागौर से देवेंद्र सिंह, गुजरात से धर्मेश कुमार सहित कई किसान उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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