तुर्कीये का खुला विरोध: उदयपुर के मार्बल उद्योगपतियों ने व्यापारिक संबंध तोड़े
- Admin Admin
- May 13, 2025

उदयपुर, 13 मई (हि.स.)। भारत-पाकिस्तान के बीच वर्तमान संकट के बीच पाकिस्तान का खुला समर्थन करने वाले तुर्कीये के विरोध में अब व्यापारिक स्तर पर भी कड़ा रुख अपनाया जाने लगा है। एशिया की सबसे बड़ी मार्बल निर्यात मंडी माने जाने वाले उदयपुर के मार्बल उद्यमियों ने तुर्कीये से सभी प्रकार के व्यापारिक संबंध समाप्त करने की घोषणा की है। इस निर्णय के तहत अग्रिम आदेश तक तुर्कीये से मार्बल का आयात पूरी तरह बंद रहेगा।
उदयपुर मार्बल प्रोसेसर समिति के अध्यक्ष कपिल सुराणा ने जानकारी दी कि समिति की आपात बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए तुर्कीये से सभी व्यापारिक रिश्ते तत्काल प्रभाव से समाप्त किए जाएं। उन्होंने कहा कि भारत इस समय आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष कर रहा है और दुनिया के अधिकांश देश भारत के साथ खड़े हैं, वहीं तुर्कीये ने पाकिस्तान का खुला पक्ष लेकर न केवल भारत की भावना को ठेस पहुंचाई है, बल्कि मानवता के खिलाफ भी कार्य किया है।
समिति के महासचिव डॉ. हितेश पटेल ने बताया कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए नरसंहार में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई। इस कायराना हमले की पूरे विश्व में आलोचना हुई। इसके जवाब में भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की, जिसे विश्व समुदाय का समर्थन मिला, लेकिन तुर्कीये ने न केवल पाकिस्तान का समर्थन किया, बल्कि उसे जवाबी कार्रवाई के लिए सैन्य तकनीक व सामग्री उपलब्ध करवाई। इस अमानवीय रुख के विरुद्ध उदयपुर की मार्बल इंडस्ट्री ने एक स्वर में तुर्कीये का बहिष्कार किया है।
5000 करोड़ के व्यापार पर विराम, भारत है सबसे बड़ा खरीदार
-कपिल सुराणा ने बताया कि भारत हर वर्ष तुर्कीये से लगभग 14 लाख टन मार्बल का आयात करता है, जिसकी बाजार कीमत करीब 5000 करोड़ रुपये होती है। इस आयात का बड़ा हिस्सा उदयपुर संभाग के माध्यम से होता है। उन्होंने कहा कि भारत यदि तुर्कीये से केवल मार्बल का व्यापार भी बंद कर दे, तो तुर्कीये को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। इसी आर्थिक चोट के माध्यम से देशविरोधी रवैए का जवाब देने का संकल्प उद्यमियों ने लिया है।
उदयपुर के 50 से अधिक आयातकों ने जताई सहमति
-डॉ. पटेल ने बताया कि उदयपुर में 50 से अधिक मार्बल आयातक सीधे तुर्कीये से हजारों टन मार्बल प्रतिवर्ष मंगाते हैं। समिति के आह्वान पर इन सभी ने सामूहिक निर्णय लेते हुए स्वैच्छिक बहिष्कार की घोषणा की है। समिति का मानना है कि यह कदम न केवल तुर्कीये के लिए चेतावनी साबित होगा, बल्कि अन्य देशों के लिए भी यह संकेत होगा कि भारतविरोधी गतिविधियों का विरोध केवल सरकार ही नहीं, देश के नागरिक व उद्योग जगत भी करता है।
प्रधानमंत्री को भेजा समर्थन पत्र
-समिति की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र प्रेषित कर इस निर्णय की जानकारी दी गई है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि भविष्य में भारत सरकार किसी भी देश के विरुद्ध राष्ट्रहित में कठोर कदम उठाती है, तो उदयपुर मार्बल प्रोसेसर समिति एवं उससे जुड़े सभी उद्यमी सरकार के निर्णयों का पूर्ण समर्थन करेंगे।
यह निर्णय न केवल आर्थिक मोर्चे पर तुर्की के लिए चेतावनी है, बल्कि भारत की एकजुटता और दृढ़ता का भी परिचायक बन गया है। उदयपुर के उद्योगपतियों का यह कदम आने वाले समय में अन्य व्यापारिक संस्थाओं को भी प्रेरित कर सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता