अधिसूचना पर जनता को भटका रहा है विपक्ष: भाजपा

गुवाहाटी, 06 सितंबर (हि.स.)। असम प्रदेश भाजपा प्रवक्ता डॉ. देवजीत महंत ने शुक्रवार को कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे 2026 विधानसभा चुनाव से पहले प्रवासी विदेशियों [राहत] 2025 अधिसूचना को गलत तरीके से प्रस्तुत कर असम में फिर से अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष असम में वर्षों बाद शांत हुए आंदोलन के वातावरण को दूषित करना चाहता है, तो उसे जनता की अदालत में इसका जवाब देना होगा।

डॉ. महंता ने सीएए आंदोलन की याद दिलाते हुए कहा कि भावनाओं से खेलते-खेलते निर्दोष लोगों की जान गई और असमी अस्मिता के प्रतीक श्रीमन्त शंकरदेव कला क्षेत्र को नुकसान पहुंचा। विपक्ष ने दावा किया था कि सीएए लागू होते ही 1.9 करोड़ लोग असम में घुस आएंगे। उन्होंने कहा, “आज पांच साल सात महीने बीत चुके हैं, असम में केवल 12 लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया और उनमें से सिर्फ तीन को ही मंजूरी मिली। यह साबित करता है कि विपक्ष का दावा सिर्फ राजनीतिक प्रचार था।”

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अंजन दत्ता ने खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से आग्रह किया था कि बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले हिंदुओं को भारत में शरणार्थी नहीं बल्कि नागरिक के रूप में स्वीकार किया जाए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि 2025 की अधिसूचना में नागरिकता आवेदन की समय सीमा 31 दिसंबर, 2014 से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2024 नहीं की गई है। इसमें केवल यह प्रावधान है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए छह धर्मों—हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई मजहब—के लोग भारत में रह सकते हैं। इससे असम की जनसांख्यिकी पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।

डॉ. महंता ने असम की जनता से अपील की कि वे कांग्रेस और विपक्ष की “राष्ट्रविरोधी राजनीति” का शिकार न होकर भाजपा का साथ दें और एक विकसित एवं प्रगतिशील असम के निर्माण में सहयोग करें।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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