व्यक्तित्व परिमार्जन में समय प्रबंधन की अहम भूमिका: डॉ. जाखड़
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- Nov 19, 2025
जोधपुर, 19 नवम्बर (हि.स.)। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में समय की पाबंदी से आगे बढक़र समय प्रबंधन युवा पीढ़ी के विकास और उन्नति में अधिक सहायक हो रहा है। साथ ही उन्हें अपनी बात कहने का सलीका आना चाहिए, अभिव्यक्ति सशक्त संयत व शालीन हो तो उसकी प्रभावकता बढ़ जाती है। कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के डेयरी और खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय द्वारा आयोजित कौशल एवं व्यक्तित्व विकास रााष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाएं, विषयक कार्यशाला में अपने उद्गार प्रकट करते हुए लेखक एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. बीएल जाखड़ ने कृषि विज्ञान तथा कृषि अभियांत्रिकी के अध्येताओं को संबोधित करते हुए यह अपेक्षा की।
डॉ. जाखड़ ने युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वयं के व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ राष्ट्र के उत्थान और उसके प्रति कर्तव्य निर्वहन को भी प्रमुखता देवे। प्रदत्त लक्ष्य को समयबद्ध पूर्ण करने की चुनौती स्वीकार कर युवा अपने इस कर्तव्य बोध को अच्छे से निभा सकते है। संवाद आधारित सत्र में युवाओं की शंकाओं, व्यक्तिगत जीवन की चुनौतियो, तनाव और कुंठा के दौर में जीवन के सरलीकरण संबंधी जिज्ञासाओं के भी डॉ. जाखड़ ने विस्तार से मनौवैज्ञानिक समाधान प्रस्तुत किए। कार्यशाला की निदेशक आचार्य डॉ. नलिनी रामावत ने कार्यशाला के उद्देश्य और उसके निहितार्थाओं पर प्रकाश डाला तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के युग में दूरगामी सोच की विषयगत उपादेयता प्रतिपादित की। इस अवसर पर सहायक आचार्य डॉ. प्रशांत साहनी एवं डॉ. अंकुर त्रिपाठी तथा शोध छात्र पवन खींची, मनीषा कुमारी, पंकज व स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थी उपस्थित रहे। शुभम राजपुरोहित ने कार्यक्रम के सूत्रधार के रूप में प्रभावशाली भूमिका का निर्वहन किया।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश



