महाकुम्भ 2025 की तैयारियों में जुटा सिंचाई विभाग, कटान रोकना पहली प्राथमिकता
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- Nov 07, 2024
लखनऊ, 07 नवम्बर(हि.स.)। उत्तर प्रदेश में जलशक्ति विभाग के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के दिशा निर्देश पर सिंचाई विभाग के अधिकारी महाकुम्भ 2025 की तैयारियों में जुट गये हैं। सिंचाई विभाग की ओर से महाकुम्भ में श्रद्धालुओं के आवागमन से पहले प्रमुख घाटों के निर्माण कार्य को पूरा करने और कटान रोकने के कार्यों को कराया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के सचिव जी.एस.नवीन कुमार ने महाकुम्भ 2025 को लेकर एक बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये हैं। मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी सिद्धार्थ कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से महाकुम्भ 2025 के लिए लगाया गया है। सिंचाई विभाग में मुख्य अभियंता सेकंड (सोन) सिद्धार्थ कुमार सिंह ने अपने कार्य को सम्भालते हुए प्रयागराज का दौरा किया है और विभागीय अधिकारियों के साथ मौके की स्थिति का निरीक्षण किया।
महाकुम्भ क्षेत्र में निरीक्षण के संबंध में मुख्य अभियंता सिद्धार्थ कुमार सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि महाकुम्भ 2025 में शाही स्नान को ध्यान में रखकर प्रमुख घाटों के निकट स्थिति पर कटान रोकने के लिए जियो ट्यूब लगाने को कहा गया है। महाकुम्भ के दौरान कटान रोकना अपनी पहली प्राथमिकता है। इसके लिए ही श्रमिकों की संख्या बढ़ाने एवं कटान से बचाव के लिए पूर्व में ही तैयारी रखने को कहा गया है।
मुख्य अभियंता ने बताया कि सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता सहित विभागीय टीम महाकुम्भ क्षेत्र में सक्रिय हो चुकी है। महाकुम्भ में होने वाले शाही स्नान से पहले सिंचाई विभाग के अभियंताओं को दिये गये कार्यों को पूर्ण करने को कहा गया है। इस दौरान रिवर फ्रंट की सड़कों के निर्माण कार्य को भी नवम्बर माह के अंत तक पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये हैं।
प्रयागराज के तटों को मिलेंगे सात नये पक्का घाट
उप्र सिंचाई विभाग के अंतर्गत प्रयागराज के तटों पर सात नये पक्का घाटों का निर्माण हो रहा है। घाटों के निर्माण का कार्य नब्बे प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जायेगा। दिसम्बर माह से पहले निर्माण कार्य व सौन्दर्यीकरण को पूरा करने का दावा किया जा रहा है। घाटों के निर्माण में कुल 73 करोड़ रूपयें का बजट खर्च हो रहा है।
नये पक्का घाटों के नाम हुए तय
प्रयागराज में तटों पर बनकर तैयार हुए नये पक्का घाटों के नाम तय हो चुके हैं। इन्हें दश्वाश्मेध घाट, ज्ञानगंगा घाट, किला घाट, सरस्वती घाट, नौकायन घाट, महेवा घाट नाम दिया गया है। इसमें से कुछ घाटों को पहले भी इसी नामों से पहचाना जाता था। मिट्टी के घाट से पक्का घाट बनाने के बाद भी घाट के नाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र