पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर में शराबबंदी और अन्य प्रमुख मुद्दों पर राजनीतिक दलों से समर्थन मांगा

श्रीनगर, 28 फरवरी हि.स.। पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर में शराबबंदी और सार्वजनिक भूमि पर बने घरों के मालिकों के लिए मालिकाना अधिकार और दिहाड़ी मजदूरों के नियमितीकरण सहित अन्य प्रमुख मुद्दों पर एनसी, कांग्रेस और भाजपा सहित अन्य दलों से समर्थन मांगा है।

पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर को पत्र लिखकर आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी विधायकों द्वारा पेश किए गए तीन विधेयकों पर समर्थन मांगा है।

एक्स पर एक पोस्ट में पीडीपी ने लिखा कि उमर अब्दुल्ला साहब, जम्मू-कश्मीर को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर एकजुट मोर्चे का आग्रह करते हैं। पीडीपी भूमि अधिकार, श्रमिक नियमितीकरण और शराबबंदी पर महत्वपूर्ण विधेयक पेश करती है। राजनीति को अलग रखते हुए लोगों का कल्याण पहले आना चाहिए।

कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर को महबूबा मुफ्ती द्वारा लिखे गए पत्र में पीडीपी ने कहा कि साहब हम जम्मू-कश्मीर में प्रमुख मुद्दों पर सामूहिक कार्रवाई का आग्रह करते हैं। पीडीपी संपत्ति अधिकार, श्रमिक नियमितीकरण और शराबबंदी पर महत्वपूर्ण विधेयक पेश करती है। लोगों का कल्याण राजनीति से ऊपर उठना चाहिए।

इसी तरह जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा को लिखे पत्र में पीडीपी ने लिखा साहब संपत्ति अधिकार, कर्मचारी नियमितीकरण और शराबबंदी पर पीडीपी के प्रमुख विधेयकों के लिए द्विदलीय समर्थन का आग्रह करते हैं।

पार्टी ने सोशल मीडिया पर मुद्दों पर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन को लिखे अपने पत्र को भी पोस्ट किया जिसमें कहा गया कि संपत्ति अधिकार, कर्मचारी नियमितीकरण और शराबबंदी पर पीडीपी के प्रमुख विधायी विधेयकों के लिए समर्थन का आग्रह करते हैं। राजनीतिक विभाजन से परे सामूहिक कार्रवाई का आह्वान करते हैं।

बता दें कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायकों ने 3 मार्च से शुरू हो रहे आगामी विधानसभा सत्र के लिए तीन निजी सदस्य विधेयक पेश किए हैं।

पुलवामा से पीडीपी विधायक वहीद-उर-रहमान पारा ने जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक भूमि पर बने घरों पर मालिकाना हक प्रदान करने के लिए “जम्मू और कश्मीर (सार्वजनिक भूमि में निवासियों के संपत्ति अधिकारों का विनियमन और मान्यता) विधेयक, 2025 नामक एक निजी सदस्य विधेयक पेश किया है। अन्य दो विधेयक दिहाड़ी मजदूरों के नियमितीकरण और शराबबंदी से संबंधित हैं और इन्हें जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा (तदर्थ, दिहाड़ी मजदूरों, जरूरत-आधारित और अन्य अस्थायी श्रमिकों के नियमितीकरण के लिए विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2025 और जम्मू और कश्मीर शराब निषेध विधेयक 2025 नाम दिया गया है।

पीडीपी ने चिंता जताई है कि शराब की बढ़ती खपत समाज के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही है, खास तौर पर युवाओं पर इसका खासा असर हो रहा है। पीडीपी विधायक द्वारा पेश किए गए बिल में प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए कारावास और भारी जुर्माने सहित कठोर दंड का प्रस्ताव है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अहसान परदेसी ने भी कश्मीर और जम्मू-कश्मीर के अन्य मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए एक निजी सदस्य विधेयक पेश किया है, जबकि जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति (जेकेपीसीसी) ने भी केंद्र शासित प्रदेश में शराब पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से बिल का पुरजोर समर्थन किया है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता

   

सम्बंधित खबर