
नई दिल्ली, 27 मार्च (हि.स.)। पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया की डायरेक्टर पूर्वा जोशीपुरा ने गुरुवार को जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इस दौरान वह एक हुक से लटकी नजर आई। पशु अधिकारों के लिए लड़ने वाले संस्था पेटा की डायरेक्टर ने इस दौरान लोगों से दुध उत्पाद और मांसाहार त्यागकर वीगन आहर स्वीकारने की अपील की।
यह प्रदर्शन पेटा इंडिया की 25 सालों की पशु अधिकारों की लड़ाई को दर्शाता है। पूर्वा जोशीपुरा ने खाल जैसे दिखने वाले बॉडीसूट पहना हुआ था जिस पर खून लगा हुआ था और उनके पास मृत पशुओं के शरीर टंगे थे।
पूर्वा जोशीपुरा ने कहा कि मनुष्य भी अन्य पशुओं की तरह ही जीव है। लेकिन उनके पास यह चुनने का अवसर है कि वे दयालु बनें या निर्देयी। हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम पशुओं को शांति से जीने दें, न कि उन्हें दर्द और भय में डालें। उन्होंने कहा कि वे भी हमारी तरह जीवन को महत्व देते हैं, संवेदनाएं रखते हैं और जीना चाहते हैं। इसलिए उनके टुकड़े-टुकड़े करने के बजाय उन्हें करुणा एवं सम्मान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज के मांस, अंडा और डेयरी उद्योगों में पशुओं को बड़ी संख्या में गंदे और तंग पशुपालन केंद्रों में अमानवीय परिस्थितियों में पाला जाता है।
उन्होंने कहा कि हर साल एक वीगन व्यक्ति लगभग दो सौ पशुओं की जान बचाता है। शोध बताते हैं कि वीगन आहार हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है। मांस और डेयरी उद्योग जल और भूमि संसाधनों के अत्यधिक दोहन के साथ-साथ जल प्रदूषण का भी एक प्रमुख कारण है।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी