
रामगढ़, 11 मार्च (हि.स.)। झारखंड की ऊर्जा क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। पतरातू सुपर थर्मल पावर फेज-1 प्रोजेक्ट की पहली 800 मेगावाट यूनिट को मंगलवार को सफलतापूर्वक ग्रिड से जोड़ दिया गया। यह मील का पत्थर भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पीवीयूएनएल के सीईओ आर. के. सिंह ने इस सफलता के लिए पीवीयूएनएल , एनटीपीसी और बीएचईएल की टीमों के अटूट प्रयासों, समर्पण और दृढ़ संकल्प की सराहना की। उन्होंने प्रोजेक्ट, ओ एंड एम, कमीशनिंग, सर्विसेज विभागों, सहयोगियों, सहायक कर्मचारियों और अन्य हितधारकों के योगदान को भी मान्यता दी, जिन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पीवीयूएनएल का अगला लक्ष्य इकाई एक के लिए इस वित्तीय वर्ष के भीतर वाणिज्यिक संचालन तिथि प्राप्त करना है। इसके अलावा, कंपनी वित्तीय वर्ष 2025-26 में फेज-1 की बची हुई दो इकाइयों के कमीशनिंग के लिए प्रतिबद्ध है। जिससे भारत की विद्युत उत्पादन क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा।
पीवीयूएनएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आरके सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि रणनीतिक योजना, सहयोग और समर्पण का प्रमाण है। हम राष्ट्र के लिए स्थायी और कुशल ऊर्जा प्रदान करने के अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। वही उन्होंने एनटीपीसी के सीनियर मैनेजमेंट और जेबीवीएनएल के सहयोग के लिए भी धन्यवाद किया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश