उमर सरकार में पहाड़ियों, महिलाओं, गुज्जरों, जाटों व डोगरों को मिला स्थान

जम्मू,, 16 अक्टूबर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बन गई है। उमर अब्दुल्ला ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर की कमान संभाल ली है। उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। जबकि जम्मू को प्रतिनिधित्व देने के लिए जम्मू-कश्मीर की नई सरकार में एक उप मुख्यमंत्री बनाया गया है जबकि पांच मंत्री बनाए गए हैं। सुरिंदर चौधरी को उमर अब्दुल्ला की सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया है। सरकार में डिप्टी सीएम बने सुरिन्द्र चौधरी ने भाजपा के प्रदेषाध्यक्ष रविन्द्र रैना को नौषेरा विधानसभा से हराया है षायद यहीं कारण है कि उमर अब्दुल्ला ने अपनी सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम के पद से नवाजा है। ताकि नई सरकार में जम्मू की आवाज भी बुलंद होती रहे। इसके साथ ही उमर अब्दुल्ला की इस नई सरकार में स्वर्गीय कांग्रेसी नेता व सांसद मदन लाल षर्मा के स्पुत्र सतीष षर्मा को भी मंत्री पद से नवाजा गया है। आपकों बता दें कि सतीष षर्मा छंब विधानसभा सीट से निदर्लीय जीते है जबकि उन्होंने कांग्रेस के कदावर नेता पूर्व डिप्टी सीएम तारा चंद और भाजपा के नेता राजीव षर्मा को हराया। इसके बाद वो नेकां में षामिल हो गए। नई सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया है। उमर के इस निर्णय से भले ही डोगरा मुख्यमंत्री की मांग तो पूरी नहीं हुई अलबत्ता डोगरा डिप्टी सीएम जरूर बनाया गया है। नई सरकार मंत्री बनाई गई सकीना इत्तु एक मात्र महिला चेहरा है। वो 2009 की उमर सरकार में भी मंत्री रह चुकी है और अब फिर से वो मंत्री बनी है। उन्होंने डीएच पोरा विधानसभा से पीडीपी के गुलजार अहमद को हराया। नई सरकार में मंत्री बने जावेद अहमद राणा मेंढर से विधायक है और उन्होंने भाजपा के मुर्तजा अहमद खान को हराया है। जावेद अहमद राणा भी जम्मू संभाग से है। यानि नई सरकार में एक डिप्टी सीएम और दो मंत्री जम्मू संभाग से है व जम्मू संभाग के ही पीर पंचाल क्षेत्र से राणा आते है और गुज्जर समुदाय से संबंधित है। जबकि मंत्री बनाये गए जावेद अहमद डार राफियाबाद विधानसभा से विधायक है। उन्होंने निदर्लीय मुज्जफर अहमद डार को वहां से हराया है और वो पहाड़ी क्षेत्र से आते है। यानि नई सरकार में उमर अब्दुल्ला ने भले ही मंत्री कम बनाये हो पर हर क्षेत्र को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास जरूर किया है। उमर अब्दुल्ला ने अपनी सरकार में पहाड़ियों, महिलाओं, गुज्जरों, जाटों व डोगरों को षामिल किया है। जो कि एक साकारात्मक सोच का परिणाम है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता

   

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