महर्षि वाल्मीकि को दी पुष्पांजलि, उनके समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांत को उजागर किया
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- Oct 18, 2024
जम्मू, 18 अक्टूबर (हि.स.)। भारत के महान संतों की शिक्षाएं सभी पीढ़ियों के लोगों को प्रेरित और मार्गदर्शन करती रहती हैं और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग सभी को समानता और सामाजिक न्याय के लिए काम करना सिखाते हैं। गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय महासचिव और जम्मू-कश्मीर एससी, एसटी, बीसी विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष बलबीर राम रतन ने गांधी नगर, जम्मू में भगवान वाल्मीकि मंदिर का दौरा करते हुए महर्षि वाल्मीकि को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह बात कही। उनके साथ जम्मू-कश्मीर वाल्मीकि समाज के अध्यक्ष विजय आनंद गिल, गुरु रविदास सभा, अपर गुमट, जम्मू के महासचिव आदर्श जठियार और अन्य प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता भी थे।
मंदिर समिति के प्रधान जंग बहादुर और मंदिर सेवक राम सिंह ने बलबीर और उनके सहयोगियों को सम्मान के प्रतीक के रूप में सिरोपा भेंट किया। बलबीर राम रतन ने साहित्य क्षेत्र में महर्षि वाल्मीकि के योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि हिंदुओं के महान धार्मिक ग्रंथों में से एक रामायण की रचना उन्होंने की थी जो कि सबसे अधिक पूजनीय लेखन है। उन्होंने युवाओं को भारतीय संतों के जीवन को जानने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया ताकि वे प्रगति और समृद्धि प्राप्त कर सकें।
इस अवसर पर विजय आनंद गिल ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि का प्रकाश दिवस हर साल न केवल वाल्मीकि समुदाय द्वारा मनाया जाता है बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी ऐसे महान संत को श्रद्धांजलि देने के लिए हमारे साथ जुड़ते हैं जो समाज के हर वर्ग में उनके प्रति सम्मान को दर्शाता है। इस अवसर पर आदर्श जठियार ने भी संबोधित किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा