बीकानेर, 13 नवंबर (हि.स.)। संभाग मुख्यालय पर आयोजित जिला स्तरीय राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट में वैसे तो 131 निवेशकों के 32 हजार करोड़ के एमओयू पर दस्तखत हुए। लेकिन इन्वेस्टमेंट समिट का माहौल उस वक्त गरमा गया जब बीकानेर के एक बड़े औद्योगिक घराने के एक स्थानीय व्यापारी का दर्द भरा बयान सभी का ध्यान खींच गया।
समिट में बोलते हुए बीकाजी समूह के निदेशक दीपक अग्रवाल ने शहर की समस्याओं का ऐसा चित्र खींचा कि वहां बैठे अधिकारी भी असहज महसूस नजर आए। दरअसल जिला स्तरीय राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट चल रही थी। इस दौरान अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि पूरे देश में पाॅलिथीन बैन है। मगर बीकानेर में जहां देखो पालिथीन की भरमार दिखाई देती है। वे यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि हम निवेश के लिए बाहरी व्यापारियों को यहां बुलाते हैं। बड़े-बड़े वादे करते हैं। लेकिन जब वे शहर में कदम रखते हैं तो उन्हें गंदगी, खराब सड़कें और बदहाल यातायात जैसी समस्याएं ही मिलती हैं। ऐसे में, शहर को देखकर खुद पर शर्म महसूस होती है। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा मैं कुछ और बोलूंगा तो यहां बैठे कुछ लोग नाराज़ भी हो जाएंगे। उनकी इस बेबाक राय ने समिट के अन्य व्यापारियों और निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया। हालांकि समिट के दौरान 131 निवेशकों ने 32हजार करोड़ रुपए के एम ओ यू पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समिट में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
समिट के दौरान कई व्यापारियों का कहना था कि शहर के बुनियादी ढांचे को लेकर प्रशासन को गंभीरता से सोचना चाहिए, वरना इन्वेस्टमेंट समिट केवल एक दिखावा बनकर रह जाएगी।इस दौरान व्यापारियों ने साफ-सफाई, ट्रैफिक, और सड़कों के हालत में सुधार की मांग की। उनका कहना था कि जब तक शहर की मूलभूत सुविधाएं बेहतर नहीं होंगी, निवेशकों को यहां लाना मुश्किल हो जाएगा। समिट में कैबिनेट मंत्री सुमित गाेदारा के साथ विधायक जेठानंद व्यास, ताराचंद सारस्वत व अधिकारी भी माैजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव