स्वास्थ्य संरक्षण के स्वावलंबन में पतंजलि विश्वविद्यालय की अग्रणी भूमिका, खुलेगी स्वस्थ जीवन की राह :  आचार्य बालकृष्ण

- स्वावलंबन स्वास्थ्य संरक्षण विषय पर सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ

हरिद्वार, 18 नवंबर (हि.स.)। पतंजलि विश्वविद्यालय के दर्शन एवं संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को स्वावलंबन स्वास्थ्य संरक्षण विषय पर सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने किया और कहा कि स्वास्थ्य संरक्षण में पतंजलि विश्वविद्यालय की अग्रणी भूमिका है। यह कार्यशाला विद्यार्थियों को स्वस्थ जीवन की राह दिखाएगा।

कार्यशाला में संरक्षिका साध्वी देवप्रिया, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय तिरूपति के प्रो. नारायण पी., हिंदू महाविद्यालय दिल्ली की डॉ. अनीता राजपाल और गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की डॉ. बबीता शर्मा अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में 80 विद्यार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। विद्यार्थियों को स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा एवं एक्युप्रेशर आदि तकनीकों का प्रयोग करना सिखाया जाएगा।

डॉ. गौतम आर. ने बताया कि दर्शन एवं संस्कृत विभाग को तीन प्रोजेक्ट प्राप्त हुए, जिसमें प्रो. साध्वी देवप्रिया के मार्गदर्शन में संस्कृत, आयुर्वेद, योग और तंत्र विज्ञान के पाठ्यक्रम समायोगी, डॉ. गौतम के निर्देशन में सांयकालीन संस्कृत पाठ्यक्रम तथा डॉ. स्वामी परमार्थदेव के निर्देशन में कोरोना उत्तर व वैश्विक समस्याओं के समाधान में उपनिषदों की भूमिका शामिल है।

इस दाैरान प्रति-कुलपति प्रो. मंयक अग्रवाल, ओडीएल के निदेशक प्रो. सत्येंद्र मित्तल, कुलसचिव डॉ. प्रवीण पुनिया, डॉ. मनोहर लाल आर्य, डॉ. स्वामी परमार्थदेव, स्वामी आर्षदेव, प्रो. केएनएस यादव, प्रो. एके सिंह, प्रो. ओमनारायण तिवारी, डॉ. गणेश पाड्ंया, डॉ. प्रज्ञानदेव, डॉ. सांवर सिंह, डॉ. वैशाली, डॉ. अलका, डॉ. भागीरथी आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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