बहादुरगढ़ बुधवार काे देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा 

झज्जर, 20 नवंबर (हि.स.)। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट) (सीएक्यूएम) की ओर से ग्रैप का चौथा चरण लागू किए तीन दिन हो गए हैं, लेकिन बुधवार को फिर से बहादुरगढ़ देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर बना। सुबह 7 बजे बहादुरगढ़ का एक्यूआई रेड जोन में तो शाम को गहरे लाल रंग में दर्ज किया गया।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 393 और शाम 4 बजे 423 दर्ज किया गया। हालांकि सूर्य देव भी दिनभर आसमान में चमके और हवा भी चली, लेकिन प्रदूषण कम नहीं हुआ। वहीं प्रदूषण के सीजन में एयर प्यूरीफायर, मास्क के साथ नेबुलाइजर में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की बिक्री बढ़ गई है।

दस दिनों के भीतर तीसरी बार बहादुरगढ़ क्षेत्र देश भर में प्रदूषण के मामले में नंबर एक पहुंचा। जबकि दिल्ली तीसरे नंबर पर रही। यहां की हवा देश भर में सबसे ज्यादा जहरीली है। लोगों के लिए खुले में सांस लेना आफत बनता जा रहा है। प्रदूषण के चलते लोगों को आंखों में जलन, थकावट, सांस लेने में परेशानियां कहीं ज्यादा हो रही हैं। हवा की गति सुबह के समय 8 से 10 किलोमीटर की रही। जबकि शाम होते-होते इसकी रफ्तार पर ब्रेक लग गया और हवा की गति 4 से 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रह गई। बुधवार को बहादुरगढ़ में पीएम 2.5 का उच्चतम स्तर 458, न्यूनतम 327 और औसत 421 दर्ज किया गया। रात के समय यह इससे भी अधिक हो जाता है। ऐसे में आंखों में जलन व सांस लेने में दिक्कत हो रही है। चिकित्सक बच्चे व बुजुर्गों को सुबह-शाम की सैर करने से मना कर रहे हैं। प्रदूषण के कारण लोगों को सिरदर्द भी हो रहा है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ अमित दहिया का कहना है कि अभी प्रदूषण में कमी आने की संभावना नहीं है। शहर में नगर परिषद, औद्योगिक क्षेत्र में एचएसआईआईडीसी की ओर से टैंकरों के जरिये पानी का छिड़काव किया जा रहा है। झज्जर जिला नीमच के अध्यक्ष का प्राइस के मालिक ने कहा कि अस्पतालों में सांस और एलर्जी के मरीज बढ़ गए हैं। इसलिए मास्क लगाकर ही घर से निकलें। बीपी, डायबिटीज और हृदय रोगी घर से बाहर निकलने में परहेज करें। गर्म पानी से नहाएं, गुनगुना पानी पीएं और ताजे फल खाएं। कोल्ड ड्रिंक और फ्रिज में रखे सामान का सेवन न करें। डॉ. मलिक ने कहा कि घर के बाहर एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी करने से बचें। बच्चे, बुजर्ग और दिल-लंग्स के मरीजों को घर में ही रहना चाहिए। यदि छाती में जकड़न, कफ, वीजिंग, सांस में तकलीफ या बेहोशी महसूस हो रही है तो एक्टिविटी पूरी तरह बंद कर दें और चिकित्सक को दिखाना चाहिए।

उन्होंने सलाह दी है कि थका देने वाली एक्टिविटी कम करें।अगरबत्ती और मोमबत्ती का इस्तेमाल न करें। खुद से दवा लेने की बजाय डॉक्टर की सलाह लें। बीमार लोग बंद कमरे में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें। जिन्हें सांस और अस्थमा की बीमारी है उन्हें तो रुटीन एक्टिविटी बंद कर देनी चाहिए।स्वस्थ लोगों को खूब पानी पीना चाहिए, अच्छी और बैलंस डाइट लेनी चाहिए। यदि घर में खिड़कियां हैं तो उन्हें बंद रखें।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

   

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