सहरसा, 13 अक्टूबर (हि.स.)।
शहर के प्रतापनगर स्थित गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र आयोजित हुई।
इस परिष्कार सत्र को संबोधित करते हुए डॉ अरुण कुमार जायसवाल ने कहा व्यक्तित्त्व के परिष्कार के लिए तीन चीन जरूरी है।गान, ज्ञान और ध्यान।सभी धर्मों में प्रार्थना है, प्रार्थना सिर्फ याचना नहीं है बल्कि कृतज्ञता का भाव है। प्रार्थना से मन निर्मल हो जाता है, मन की सारी नकारात्मकता चली जाती है। प्रार्थना को गंभीरता से लेने पर दिव्य उर्जा आपके अंदर आती है।
इस अवसर पर सईओ प्रशांत जायसवाल ने संबोधित करते हुए कहा गायत्री कम्प्युटर शिक्षण संस्थान बच्चों के लिए जो भी योगदान दे रहा हूं वह डॉक्टर अरुण कुमार जायसवाल ही मेरे प्रेरणा श्रोत है। उन्होंने बच्चों से कहा डिग्री के साथ-साथ कौशल विकास पर ध्यान दें। नवरात्रि अनुष्ठान का समापन आदिशक्ति के नवम स्वरूप माता सिद्धिदात्री का पूजन अर्चन समाप्त हो गया।
अवसर पर डॉक्टर अरुण कुमार जायसवाल ने कहा- माता की पूजन से सभी सुख की प्राप्ति होती हैं। पूर्णता की उर्जा का गमन होता है। इसके साथ ही मोक्ष्य एवं कैवल्य की प्राप्ति होती है। नव दुर्गा का स्वरूप हमारे व्यक्तिको रूपांतरित करता है तथा इससे आंतरिक शांति की प्राप्ति होती है।इस अवसर पर लगभग 150 कुमारी कन्याओं को भोजन करा कर पूर्णाहुति यज्ञ संपन्न हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार