विधानसभाओं और संसद में नियोजित गतिरोध लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए उचित नहीं : बिरला
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- Mar 08, 2025

जयपुर, 8 मार्च (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि सहमति और असहमति लोकतंत्र की शक्ति है, लेकिन विधानसभाओं और संसद में सुनियोजित गतिरोध लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए ठीक नहीं है। जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विधायी संस्थानों को चर्चा और संवाद का केंद्र बनना होगा। बिरला शनिवार को यहां 'कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान’ के शुभारंभ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा एक वर्ष के कार्यकाल में हुए नवाचारों पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने क्लरब में आरम्भ की गई विभिन्न सुविधाओं का अवलोकन किया।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह क्लब केवल एक भवन ही नहीं है बल्कि यह लोकतांत्रिक विमर्श, विचारशीलता और नीति-निर्माण को दिशा देने वाला मंच है। लोकतंत्र सिर्फ चुनाव तक सीमित नहीं होता, बल्कि सतत संवाद और सहमति से आगे बढ़ता है। यह क्लब नीति-निर्माण और सुशासन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली में संविधान क्लब की परिकल्पना 1947 में संविधान निर्माण के दौरान हुई थी। उस समय अनौपचारिक चर्चा और नीतिगत संवाद के लिए एक मंच की आवश्यकता महसूस हुई थी। राजस्थान में स्थापित यह क्लब भी लोकतांत्रिक संवाद और विचार-विमर्श का प्रमुख केंद्र बनेगा। यह विधायकों को विचारशीलता, नीति-निर्माण और सुशासन पर खुलकर चर्चा करने का अवसर देगा।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि भारत का संविधान सिर्फ कानूनों का संकलन नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मार्गदर्शक है। पिछले 75 वर्षों में संविधान के मार्गदर्शन में हमने कई परिवर्तन देखे हैं। उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभाओं में सार्थक संवाद और स्वस्थ बहस होनी चाहिए। व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप और जानबूझकर पैदा किए गए गतिरोध लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह संविधान क्लब पक्ष-विपक्ष के बीच सार्थक विमर्श और सहमति का मंच बनेगा।
बिरला ने कहा कि राजस्थान विधानसभा हमेशा मार्गदर्शक रही है। यहां पारित कई विधेयक पूरे देश के लिए उदाहरण बने हैं। उन्होंने पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. भैरों सिंह शेखावत और वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान की भूमि ने लोकतांत्रिक परंपराओं को सदैव समृद्ध किया है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान की महिलाओं का इतिहास गौरवशाली रहा है। उन्होंने राज्य की महिलाओं द्वारा विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में दिए गए सशक्त नेतृत्व की सराहना की और कहा कि इससे प्रदेश में सकारात्मक परिवर्तन आया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान विधानसभा परिसर में निर्मित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान का शुभारंभ होना गर्व एवं सम्मान की बात है। यह क्लब केवल एक इमारत ही नहीं बल्कि विचारों के आदान-प्रदान और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने का एक सशक्त मंच है। उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा का गौरवशाली इतिहास रहा है। वर्ष 1952 में विधानसभा के प्रथम सत्र से लेकर आज तक इसके चुने गये जनप्रतिनिधियों ने राज्य के विकास और जनकल्याण के लिए अथक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि कॉन्स्टीट्यूशन क्लब इसी गौरवशाली परम्परा को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
शर्मा ने कहा कि कॉन्स्टीट्यूशन क्लब लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों - संविधान, समानता और जनप्रतिनिधित्व को मजबूती देने का प्रयास है। प्रत्येक व्यक्ति को यहां आने पर संविधान की गरिमा और विधायी प्रक्रिया के महत्व का अहसास होगा। यह क्लब केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक विचार है, जो राजस्थान को प्रगति के पथ पर और आगे ले जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्लब में विधायक अपने अनुभव साझा कर सकेंगे और राज्य के विकास के लिए नवीन विचारों को आकार दे सकेंगे। साथ ही, पुस्तकालय, सभागार और विश्राम क्षेत्र उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे। यह क्लब सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा। यहां होने वाले संवाद और सहयोग से विधानसभा के कार्यों में और अधिक पारदर्शिता और प्रभावशीलता आएगी।
शर्मा ने कहा कि क्लब में विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की गई हैं, जो इसे आधुनिक और उपयोगी केन्द्र बनाती है। इसमें विधानसभा के वर्तमान और पूर्व सदस्यों के लिए स्थान उपलब्ध होगा, जहां वे आपस में विचार-विमर्श, नीतियों पर चिंतन-मनन और समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रबुद्ध व्यक्तियों के साथ संवाद स्थापित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह क्लब न केवल विधायकों के लिए, बल्कि राजस्थान विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों, विशिष्ट नागरिकों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त व्यक्तियों के लिए भी खुला है। यहां आजीवन सदस्यता, साधारण सदस्यता, विशेष सदस्यता और सामान्य सदस्यता इसे समावेशी बनाते हैं। यह क्लब एक बौद्धिक मंच के रूप में कार्य करेगा।
विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान ऐसा पहला प्रदेश है जहां विधायकों और पूर्व विधायकों के लिए कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का निर्माण किया गया है। यह क्लब अन्य प्रदेशों के जनप्रतिनिधियों को भी प्रेरणा देगा। उन्होंने कहा कि यह क्लब जनप्रतिनिधियों के लिए विचारों के आदान-प्रदान, परस्पर सहयोग और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। क्लब संविधान के तीनों अंगों से जुडे पदाधिकारियों के मध्य संवाद को नये आयाम देगा।
देवनानी ने कहा कि अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यह क्लब विधान सभा और विधायक आवास के नजदीक होने के कारण अधिक उपयोगी बन गया है। क्लब की अवधारणा को फलीभूत करने के लिए देवनानी ने सभी सदस्यों के सहयोग की अपेक्षा की।
देवनानी ने कहा कि दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के संचालन की तर्ज पर इस क्लब में सुविधाओं का निर्माण किया गया है।
देवनानी ने कहा कि यह क्लब एकता, सहयोग और सामाजिक सदभावना का मजबूती देगा। समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में भी क्लब सहयोगी बनेगा। जनप्रतिनिधि क्लब से जुड़कर शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ मानसिक ताजगी और सामाजिक जुड़ाव को भी बढ़ावा देंगे। यह क्लब लोकतंत्र के अनुभवों को साझा करने का महत्वपूर्ण स्थल साबित होगा।
देवनानी ने कहा कि लोकतंत्र में विधान सभा का अपना महत्व होता है। यहां सरकारें आती है बदलती है पर विधान सभा सदैव बनी रहती है। विधान सभा की गरिमा को यहां के अध्यक्षों ने समय-समय पर बढ़ाया है।
देवनानी ने कहा कि पूर्व विधान सभा अध्यक्ष हरिशंकर भाभड़ा ने विधान सभा के नये भवन और पूर्व अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान और विधायक आवास के निर्माण में स्मरणीय योगदान दिया।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला, मुख्यमंत्री शर्मा और विधान सभा अध्यक्ष देवनानी ने भारतीय सनातन परम्परा और वैदिक रीति से क्लब का शुभारंभ हवन में पूर्ण आहूति देकर किया। लोक सभा अध्यक्ष बिरला और मुख्यमंत्री शर्मा ने भगवान गणेश की प्रतिमा पर माल्यार्पण, क्लब की सुविधाओं का फीता खोलकर और दीप प्रज्ज्वलित कर वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य क्लब का शुभारम्भ किया।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने क्लब के शुभारम्भ को अच्छा प्लेटफार्म बताते हुए कहा कि यह क्लब बेहतर तरीके और नई सोच के अनुरूप बनाया गया है। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि क्लब के शुभारम्भ से राजस्थान के विकास में नया आयाम जुड़ गया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने राजस्थान विधान सभा द्वारा प्रकाशित ‘’ राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के नवाचारों का एक वर्ष ‘’ कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। पुस्तक में देवनानी ने राजस्थान विधान सभा में अध्यक्ष पद के एक वर्ष के कार्यकाल में किये गये नवाचारों का समावेश किया गया है। इन नवाचारों में प्रमुखता: सर्वदलीय बैठक, पैपरलेस सदन, विधान सभा का डिजिटलाईजेशन, गुलाबी नगर का गुलाबी सदन सहित भारतीय नववर्ष के अनुसार दैनन्दिनी का प्रकाशन जैसे नवाचार उल्लेखनीय है। इस मौके पर सांसद, विधायक, क्लब के सदस्य, विधान सभा के प्रमुख सचिव भारत भूषण शर्मा, विशिष्ट सहायक के.के. शर्मा सहित राजस्थान विधान सभा के अधिकारी मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित