पोलैंड और बाल्टिक देशों ने मैक्रों के परमाणु प्रतिरोधक प्रस्ताव का स्वागत किया
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- Mar 06, 2025

ब्रसेल्स, 06 मार्च (हि.स.)। पोलैंड और बाल्टिक देशों ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा यूरोप की सुरक्षा के लिए फ्रांसीसी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता के उपयोग पर चर्चा शुरू करने के प्रस्ताव का गुरुवार को स्वागत किया। हालांकि, रूस ने इसे अत्यधिक टकरावपूर्ण करार देते हुए तुरंत खारिज कर दिया। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ (ईयू) नेताओं के आपातकालीन रक्षा और सुरक्षा शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
पोलैंड और बाल्टिक देशों ने मैक्रों के इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा, हमें इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि इस मामले में विस्तृत विवरण महत्वपूर्ण होंगे, लेकिन फ्रांस की यह पहल निश्चित रूप से उल्लेखनीय है।
वहीं, लिथुआनिया के राष्ट्रपति गितानस नौसेदा ने इसे बहुत दिलचस्प विचार बताया और कहा कि परमाणु सुरक्षा ढाल रूस के लिए एक मजबूत निवारक साबित हो सकती है।
लातविया की प्रधानमंत्री एवीका सिलिना ने भी मैक्रों के कदम को चर्चा का एक अवसर बताया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस पर अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता होगी।
दूसरी ओर, मैक्रों के इस बयान पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इसे युद्धोन्मुखी सोच बताते हुए कहा कि यह संकेत देता है कि फ्रांस युद्ध को जारी रखने के बारे में अधिक सोच रहा है।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी इस बयान की आलोचना करते हुए इसे रूस के खिलाफ सीधा खतरा करार दिया।
दरअसल, बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में इमैनुएल मैक्रों ने कहा था कि उन्होंने फ्रांस की परमाणु सुरक्षा नीति पर रणनीतिक बहस शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने रूस को फ्रांस और यूरोप के लिए एक खतरा बताते हुए स्पष्ट किया कि यूरोपीय संघ को अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं कदम उठाने की बात कही थी। उनके इस कदम को अमेरिका की संभावित अनदेखी की चिंताओं के बीच यूरोपीय सहयोगियों को एकजुट करने की दिशा में देखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से यूरोप में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ गई हैं। बाल्टिक देश (लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया) पहले से ही रूसी आक्रमण की आशंका में अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए लगातार यूरोपीय सहयोगियों से अधिक समर्थन की मांग कर रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय