सकारात्मक बदलाव के लिए संस्कार युक्त शिक्षा की आवश्यकता: अवनीश भटनागर

गुवाहाटी, 17 नवंबर (हि.स.)। विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र द्वारा होजाई में आयोजित क्षेत्रीय प्रधानाचार्य सम्मेलन आज संपन्न हुआ। इसके उद्घाटन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में अखिल भारतीय महासचिव अवनीश भटनागर उपस्थित रहे।

उन्होंने 21वीं सदी के प्रधानाचार्यों पर तथा पंचपदी शिक्षण पद्धति पर एक अन्य खंड में भाषण दिया। अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्माजी राव ने उत्तर पूर्व भारत में आदिवासी शिक्षा की स्थिति पर तथा आदिवासी गौरव दिवस के अवसर पर भाषण दिया। क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ. पवन तिवारी ने ऑडियो-विजुअल मीडिया के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों के बारे में बताया।

विभिन्न प्रांतों से आए कार्यकर्ताओं ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विद्यालय की विकास यात्रा तथा सामाजिक परिवर्तन, सेवा कार्य तथा अभिनव गतिविधियों पर प्रस्तुति दी।

सम्मेलन में विद्या भारती के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर गंगा प्रसाद प्रचाइन, त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति तथा क्षेत्रीय मंत्री डॉ. जगदींद्र राय चौधरी भी उपस्थित रहे।

सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में असम राज्य विद्यालय शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. रुक्म गोहाईंबरुवा शामिल हुए। उन्होंने शिक्षा प्रणाली, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, सामाजिक परिवर्तन में शिक्षकों की भूमिका और प्रधानाचार्यों के कर्तव्यों के बारे में विस्तार से बताया। विद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार और अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रधानाचार्यों को विभागों के अनुसार समूहों में विभाजित किया गया।

प्रसिद्ध कलाकार, कवि और विचारक बाबा सत्यनारायण मौर्य ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में हास्य और संगीत के माध्यम से प्रधानाचार्यों को उनके कर्तव्यों का बोध कराया। यह सम्मेलन 15 से 17 नवंबर तक चला और आज दोपहर समाप्त हो गया।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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