हरिद्वार, 1 फ़रवरी (हि.स.)। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आज से दो दिवसीय वंसत महापर्व का शुभारंभ हो गया। प्रथम दिन भव्य प्रभातफेरी निकाली गयी, जिसमें सैकड़ों साधकों ने अपने आराध्य युगऋषि पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी के दिव्य भारत बनाने के सपनों को पूरा करने के जयघोष के साथ भाग लिया। इससे पूर्व शांतिकुंज यज्ञशाला में २४ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ ब्रह्मवादिनी बहिनों के संचालन में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह समय सौभाग्य को जगाने आया है, हमें सबल गुरु के सान्निध्य में उपासना, साधना और आराधना करनी है। उन्होंने कहा कि हनुमान जी की शक्ति व संभावनाओं को जिस तरह जामवंत जी ने जगाया, इसी तरह हमारे आराध्य जीवन में आमूलचूल परिवर्तन के लिए गायत्री महामंत्र को लेकर आये। गायत्री महामंत्र हमें आत्मबल प्रदान करता है। इस मंत्र के माध्यम से अपने भीतर की शक्तियों को जागृत करें और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाएं। डॉ. पण्ड्या ने कहा कि वसंत ऋतु का यह समय जीवन में नए उत्साह और ऊर्जा को लाने का है और हमें इसका उपयोग अपने आत्मिक और सामाजिक उन्नति के लिए करना चाहिए।
शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरी ने वसंत महापर्व की आध्यात्मिक व सामजिक महत्त्व पर प्रकाश डाला। प्रो प्रमोद भटनागर ने पूज्य गुरुदेव के बहुआयामी व्यक्तित्व पर विस्तृत जानकारी दी।
शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेंद्र गिरी ने बताया कि वसंतोत्सव का मुख्य कार्यक्रम 02 फरवरी को होगा। वसंत पंचमी के अवसर पर गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी गायत्री महामंत्र की दीक्षा देंगे। विभिन्न संस्कार भी निःशुल्क सम्पन्न कराये जायेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला