महाराणा प्रताप जयंती इस वर्ष भी वृहद रूप से मनाएगा प्रताप गौरव केन्द्र 

उदयपुर, 12 फ़रवरी (हि.स.)। महाराणा प्रताप के गौरवशाली इतिहास को संजोने और प्रचारित करने के लिए समर्पित प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ में इस वर्ष भी वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती वृहद रूप में मनाई जाएगी। केंद्र की संचालक वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति की बुधवार को हुई साधारण सभा की बैठक में इस वर्ष का आयोजन गत वर्ष की तुलना में और विस्तारित करने का निर्णय किया गया। इसके साथ ही प्रताप गौरव केन्द्र के विकास, शोध व आयोजनों को लेकर कई निर्णय किए गए।

केन्द्र निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, प्रताप गौरव केन्द्र के पालक हनुमान सिंह, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के अध्यक्ष प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा, महामंत्री पवन शर्मा, मंत्री सुरेश रावत, मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, मंत्री महावीर चपलोत, संघ के प्रांत प्रचारक मुरलीधर, कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति कैलाश सोडानी, समिति के पूर्व अध्यक्ष डॉ. बी.एल. चौधरी की उपस्थिति में हुई साधारण सभा की बैठक में आगामी एक वर्ष में विस्तार और आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय किए गए।

उन्होंने बताया कि प्रताप गौरव केंद्र के सम्पूर्ण परिसर में सौंदर्यीकरण, मरम्मत और अन्य आवश्यक सुधार किए जाएंगे। स्फूर्ति दीर्घा (कुम्भा सभागार) तथा नवीन गैलेरीज का निर्माण एवं विस्तार किया जाएगा, जिससे पर्यटकों को ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएं देखने और समझने का एक नया अनुभव मिलेगा। राजसिंह संग्रहालय में स्थित प्रताप पेनोरमा को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए नवीन ध्वनि एवं दृश्य तकनीकों का समावेश किया जाएगा। साथ ही, शस्त्रागार को और अधिक समृद्ध किया जाएगा, जिससे वीरता की झलक को प्रभावी रूप से प्रदर्शित किया जा सके। परिसर में ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सौर ऊर्जा परियोजना का विस्तार किया जाएगा, जिससे केंद्र की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और सतत विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

सक्सेना ने बताया कि महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय विशेष कार्यक्रम होगा, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गतिविधियों को स्थान दिया जाएगा। इसके अलावा, अन्य महापुरुषों की जयंतियों, त्यौहारों एवं उत्सवों के आयोजन की भी योजना बनाई गई है। प्रताप गौरव केंद्र की लोकप्रियता बढ़ाने और अधिकाधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रभावी प्रचार-प्रसार किया जाएगा। पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रताप की प्रतिमा के दर्शन के लिए एक नई बैटरी-चालित गाड़ी की भी व्यवस्था की जाएगी।

प्रताप गौरव शोध केंद्र करेगा कार्यशालाओं का आयोजन

-साधारण सभा में प्रताप गौरव शोध केंद्र द्वारा भाषा विज्ञान, पुरालेख पठन विधि और पुराभाषा अध्ययन के लिए कार्यशालाओं के आयोजन पर भी सहमति बनी। मार्च 2025 में दिवेर के पुरातात्विक सर्वेक्षण का भी प्रस्ताव किया गया है। शोध केंद्र के ग्रंथागार का आधुनिकीकरण किया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि ‘मेवाड़: एक नई दृष्टि’ पुस्तक का प्रकाशन कार्य अंतिम चरण में है, जिसे शीघ्र पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही, शोध केंद्र कुछ विद्यार्थियों को शोध कार्य और शोध सहायक का प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा।

इसके अलावा, प्राचीन बहियों और ऐतिहासिक दस्तावेजों को संकलित करने का कार्य जारी है। उदयपुर नगर की स्थापना से लेकर वर्तमान तक के ऐतिहासिक रिकॉर्ड को संकलित करने की प्रक्रिया भी प्रगति पर है। इसमें शहर के विभिन्न मोहल्लों, मंदिरों, महलों, हवेलियों, स्मारकों, तालाबों, बावड़ियों, बाग-बगीचों, सरकारी दफ्तरों, कचहरियों और कारखानों का समावेश किया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता

   

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