पिता ने बेटी के प्रेम विवाह से आहत होकर छपवाई शोक पत्रिका और रखा मृत्युभोज

भीलवाड़ा, 10 दिसंबर (हि.स.)। भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र के बदनोर गांव में एक परिवार की नाराजगी का अनोखा मामला सामने आया है, जहां बेटी के परिवार की मर्जी के खिलाफ प्रेम विवाह करने से आहत पिता ने अपनी जीवित बेटी को मरा हुआ मानकर शोक पत्रिका छपवाई और मृत्युभोज का आयोजन किया। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है तथा शोक पत्रिका सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

जानकारी के अनुसार

बदनोर गांव की एक युवती ने गैर समाज के लड़के से भागकर शादी कर ली। परिवार ने पहले उसकी खोजबीन की, लेकिन जब कोई जानकारी नहीं मिली तो बदनोर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने लड़की और उसके प्रेमी को ढूंढ निकाला और उन्हें परिवार के सामने पेश किया।

जब बदनोर थाना पुलिस ने युवती को उसके माता-पिता के सामने पेश किया, तो लड़की ने अपने माता-पिता को पहचानने से इनकार कर दिया। उसने अपने प्रेमी से पति बने युवक के साथ ही रहने का निर्णय किया। बेटी की इस प्रतिक्रिया ने पिता को गहरा आघात पहुंचाया। समाज में इज्जत और मान-सम्मान को ठेस लगने के डर से पिता ने अपनी बेटी को मरा हुआ मानने का फैसला किया।

इसके बाद आहत, पिता ने बेटी की मृत्यु की शोक पत्रिका छपवाकर गांव में बांटी और गांव में 11 दिसम्बर को घर पर शोक बैठक उठावना का आयोजन किया। शोक पत्रिका में लिखा गया कि उनकी बेटी का स्वर्गवास हो चुका है, और उन्होंने समाज से मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने की अपील की।

पिता ने कहा, जिस बेटी को हमने अपने नाजों से पाला, उसके बेहतर भविष्य के लिए सपने देखे, उसी ने हमारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। यह हमारी सामाजिक प्रतिष्ठा पर गहरी चोट है। बेटी उनके लिए मर चुकी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद

   

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