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जयपुर, 12 फ़रवरी (हि.स.)। माघ पूर्णिमा बुधवार को छोटीकाशी में उत्सव के रुप में भक्तिभाव से मनाई गई। इस अवसर पर शहर के विभिन्न मंदिरों में विशेष आयोजन हुए। प्रयागराज में अधिक भीड़ होने के कारण श्रद्धालुओं ने तीर्थं स्थल गलताजी में ही डूबकी लगाकर अमृत स्नान किया, वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने प्रयागराज से जल लाकर गलताजी कुंडों में प्रवाहित किया। हजारों भक्तजनों ने संगम नगरी प्रयागराज में जाकर अमृत स्नान किया। जो भक्तजन प्रयागराज नहीं जा सकें,उन्होने गोविंद देवजी मंदिर में मंगलवार को वितरित किए गए प्रयागराज के जल को नहाने के पानी में मिलाकर अमृत स्नान किया। माघ पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने दिनभर स्नान -दान और पितृ पूजन कर पुण्य लाभ उठाया।
ठाकुरजी ने धारण की चटख सफेद पोशाक
माघ पूर्णिमा के अवसर पर आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक कर चटख सफेद रंग की नवीन पोशाक धारण कराई गई। सफेद फूलों और आभूषणों से श्रृंगार किया गया। राजभोग आरती के समय छप्पन भोग की झांकी सजाई गई। पूर्णिमा की विशेष झांकी के दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।
सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित श्री वैष्णव संप्रदाय की प्रधान पीठ श्री सरस निकुंज में माघ पूर्णिमा उत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में ठाकुर श्री राधा सरस बिहारी सरकार का वेदोक्त मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया। ऋतु पुष्पों से मनोरम श्रृंगार कर सफेद व्यंजनों का भोग लगाया गया। श्री सरस परिकर के आचार्यों द्वारा रचित पदों से ठाकुरजी को रिझाया गया। पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ मंदिर, चौड़ा रास्ता के राधा दामोदर जी, रामगंज बाजार के लाड़लीजी सहित अन्य मंदिरों में भी माघ पूर्णिमा पर विशेष उत्सव का आयोजन किया गया।
चला दान-पुण्य का सिलसिला:
पूर्णिमा पर गौशालाओं में गायों को चारा और गुड़ खिलाया गया। सांगानेर की श्री पिंजरापोल गोशाला, दुर्गापुरा गौशाला में बड़ी संख्या में लोगों ने गायों को चारा और गुड़ खिलाया। मंदिरों के बाहर बैठे लोगों को भोजन कराया।
ग्रह-नक्षत्रों ने बढ़ाई शुभता:
माघ पूर्णिमा पर ग्रह-नक्षत्रों का भी अद्भुत योग रहा। सुबह 7:23 बजे तक अश्लेषा नक्षत्र रहा। पूर्णिमा तिथि बुधवार सुबह 5:23 से प्रारंभ हो गई। यह 13 फरवरी को सूर्योदय से पहले 6:33 तक रहेगी। पूर्णिमा पर सौभाग्य और शोभन योग रहे। सौभाग्य योग के स्वामी ब्रह्मा और शोभन योग के अधिपति बृहस्पति हैं। जो श्रद्धालु माघ मास में स्नान नहीं कर पाए थे उन्होंने पूर्णिमा के दिन स्नान कर पूरे माघ मास का पुण्य प्राप्त किया। कुंभ राशि में बुध एवं शनि, मीन राशि में शुक्र एवं राहु संचरण अत्यंत उत्तम माना गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश