नस्ल बचाओ, फसल बचाओ का संदेश देने जींद आएंगे आर्ट ऑफ लिविंग  संस्थापक श्रीश्री रविशंकर 

जींद, 12 फ़रवरी (हि.स.)। आर्ट ऑफ लिविंग हरियाणा टीम के सदस्य नरेश जागलान ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग के अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर का मानना है कि कृषि हमारी रीढ़ है और सतत कृषि विकास के माध्यम से ही किसानों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। इसलिए गुरु श्रीश्री रविशंकर के मार्गदर्शन में अध्यात्मिक संगम नस्ल बचाओ, फसल बचाओ विशेष कार्यक्रम आयोजित होगा।

यह कार्यक्रम किसानों और ग्रामीण समुदाय के उत्थान के लिए समर्पित होगा। कार्यक्रम किसानों को सशक्त बनाने, प्राकृतिक और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने और ग्रामीण जीवन स्तर को ऊंचा उठाने पर केंद्रित रहेगा। आर्ट ऑफ लिविंग हरियाणा के आयोजक नरेश जागलान बुधवार को निजी होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आर्ट ऑफ लिविंग के अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर 18 फरवरी को जींद में आयोजित आध्यात्मिक संगम में भाग लेंगे। कार्यक्रम का आयोजन सैक्टर सात के श्रीधाम नगर में होगा।

जागलान ने कहा कि छोटे लालच में अपनी औलाद और फसल का नुकसान न करें। उन्हें संस्कारी बनाएं ताकि यह कहावत चरितार्थ हो कि जैसा अन्न वैसा मन। जागलान ने कहा कि अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर की प्रेरणा से आज लाखों किसान प्राकृतिक कृषि, जल संरक्षण, जैविक खाद्य उत्पादन और ग्रामीण सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। गुरूजी का मिशन जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, किसानों को आत्मनिर्भर बनाना, पारंपरिक कृषि तकनीकों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ कर उत्पादन बढ़ाना तथा पर्यावरण स ंतुलन बनाए रखना और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा

   

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