बिजली के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने बांहों पर काली पट्टी बांध किया प्रदर्शन
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- Dec 10, 2024
—निर्णायक संघर्ष का लिया संकल्प, मुख्य अभियंताओं ने भी बांधी काली पट्टी
वाराणसी,10 दिसम्बर (हि.स.)। निजीकरण के विरोध में मंगलवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति,उत्तर प्रदेश के आवाह्न पर बिजली कर्मियों ने काली पट्टी बांध कर काम करने के साथ लंच अवकाश में प्रदर्शन किया। प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन के क्रम में यहां कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को अपनी तस्वीरें भी भेजी। प्रदर्शन में मुख्य अभियंता भी शामिल हुए। कार्य के दौरान उन्होंने बांहों पर काली पट्टी बांध रखी थी।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि बुधवार 11 दिसंबर को राजधानी लखनऊ में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स(एन सी सी ओ ई ई ई) की मीटिंग होगी। जिसमें उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ में किए जा रहे बिजली के निजीकरण के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक तरफा ढंग से किए जा रहे बिजली के निजीकरण को लेकर देश भर में कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है । समिति के मीडिया प्रभारी अंकुर पांडेय के अनुसार प्रदर्शन में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से मुख्य अभियन्ता स्तर तक के अधिकारियों ने काली पट्टी बांधकर एकजुटता दिखाई। भोजन अवकाश में और कार्यालय समय के बाद बिजली कर्मचारियों ने कार्यालय के प्रांगण में निजीकरण के विरोध में जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने बताया कि समिति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जनहित में बिजली के निजीकरण के फैसले को रद्द करने की मांग की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी