एनपीएस-यूपीएस के खिलाफ सड़कों पर उतरे कर्मचारी, निकाला आक्रोश मार्च

आक्रोश मार्च

-रेलवे कर्मचारियों ने एनपीएस-यूपीएस के खिलाफ निकाला मशाल जुलूस

प्रयागराज, 26 सितम्बर (हि.स.)। अटेवा प्रयागराज के बैनरतले गुरूवार को हजारों शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारियों ने एनपीएस-यूपीएस के विरोध में ज़िला पंचायत से कलेक्ट्रेट तक आक्रोश मार्च निकाला गया। वहीं, नार्थ सेंट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन सम्बद्ध इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन द्वारा एनपीएस-यूपीएस के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से सीडीओ ऑफिस से मशाल जुलूस निकाला गया।

कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदेश संगठन मंत्री अशोक कनौजिया, राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी और प्रदेश आईटी सेल प्रभारी सैय्यद दानिश इमरान एवं जिला महामंत्री आर के यादव ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि एनपीएस-यूपीएस को लेकर प्रयागराज सहित देश भर के शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारियों में ज़बरदस्त आक्रोश है। जिसे जाहिर करने आज सभी सड़कों पर उतरे हैं। देश भर का कर्मचारी हुबहू पुरानी पेंशन बहाली चाहता है। वहीं ओपीएस जो प्रधानमंत्री ले रहे हैं। वही मुख्यमंत्री, सांसद और विधायकगण भी ले रहे हैं। ज्ञापन प्रयागराज के सिटी मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह को अटेवा के प्रदेश संगठन मंत्री अशोक कुमार कनौजिया ने सौंपा।

ज़िला मीडिया प्रभारी रविशंकर मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु के आहवान और राष्ट्रीय महासचिव स्थित प्रज्ञा के निर्देशन में कश्मीर से कन्याकुमारी, उत्तर से दक्षिण भारत और पूरब से पश्चिम भारत में आज सड़कों पर एनपीएस-यूपीएस के विरोध में ज़बरदस्त आक्रोश दिखाई दिया जो कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। इस ऐतिहासिक आक्रोश मार्च को सफ़ल बनाने में अटेवा और उसके सहयोगी संगठनों ने पूरी ताकत झोंक दी। मीडिया प्रभारी ने बताया कि आक्रोश मार्च में सैंकड़ों संगठनों के जिलाध्यक्ष एवं महामंत्री उपस्थित रहे।

सांसदों व विधायकों को मिलने वाली पेंशन बोझ नही, खटने और मरने वाले कर्मचारियों पर बोझ कैसे ?

जुलूस का नेतृत्व करते हुए इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष व नार्थ सेट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन केंद्रीय महामंत्री मनोज पाण्डेय ने कहा कि वित्त सचिव को बताना चाहिए कि सांसदों व विधायकों को मिलने वाली पेंशन देश पर बोझ नहीं, तब देश के लिए रात दिन खटने और मरने वाले सरकारी कर्मचारियों का पेंशन बोझ कैसे ?

मनोज पाण्डेय ने कहा कि आज पुरानी पेंशन बहाली सरकारी कर्मचारियों का सबसे बड़ा मुद्दा है। ऐसे वक़्त में एनपीएस के ट्रस्टी बनकर एनपीएस लागू करवाने के लिए जिम्मेदार संगठनों को रेलवे में होने वाले आगामी मान्यता के चुनाव में पेंशन विहीन कर्मचारियों के बल पर बाहर करते हुए पुरानी पेंशन बहाली के संघर्ष को और मजबूत करेंगे।

नेशनल मूवमेंट टू सेव रेलवे राष्ट्रीय प्रचार सचिव डॉ कमल उसरी ने कहा कि आज रेलवे में सरकारी कर्मचारियों की संख्या घटती जा रही है। ठेका संविदा कर्मियों का बहुत शोषण हो रहा है। इसीलिए रेलवे में दुर्घटनाएं बढ़ गई। रेलवे में नई भर्ती नही होने से प्रशिक्षित अनुभवी स्थाई कर्मचारियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। ठेकेदार मुनाफे के लिए अकुशल और अप्रशिक्षित मजदूरों से काम करवाते हैं। जब भी कोई ठेका मजदूर अपने क़ानूनी हक की बात करता है, तो उसे तत्काल बाहर निकाल कर दूसरे सस्ते व अनुभवहीन मजदूर को काम पर रख लिया जाता है। जिससे रेल दुर्घटना की सम्भावना बढ़ जाती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

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