रोहिंग्याओं को पानी, बिजली मुहैया कराना हमारा कर्तव्य है, जब तक वे जम्मू-कश्मीर में हैं -फारूक अब्दुल्ला

कठुआ, 10 दिसंबर हि.स.। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि क्षेत्र में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों को पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना जम्मू-कश्मीर सरकार की जिम्मेदारी है।

कठुआ के दौरे के दौरान अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा कि भारत सरकार शरणार्थियों को यहां लेकर आई। हम उन्हें यहां नहीं लाए। उन्होंने उन्हें यहां बसाया है और जब तक वे यहां हैं उन्हें पानी और बिजली मुहैया कराना हमारा कर्तव्य है और यह हमारी जिम्मेदारी है।

उनकी यह टिप्पणी भाजपा द्वारा जम्मू शहर में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को बसाने को एक बड़ी राजनीतिक साजिश करार दिए जाने और इसे अंजाम देने में शामिल लोगों की पहचान के लिए सीबीआई जांच की मांग करने के एक दिन बाद आई है।

जम्मू में उन्हें पानी और बिजली कनेक्शन देने पर टिप्पणी को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा ने यह भी आरोप लगाया था कि यह उनकी सुरक्षा के लिए किया गया है, क्योंकि वे एक विशेष समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार 13,700 से अधिक विदेशी, जिनमें से अधिकांश रोहिंग्या (म्यांमार से अवैध अप्रवासी) और बांग्लादेशी नागरिक हैं जो जम्मू और जम्मू-कश्मीर के अन्य जिलों में बसे हुए हैं। 2008 और 2016 के बीच उनकी आबादी में 6,000 से अधिक की वृद्धि हुई। मार्च 2021 में पुलिस ने सत्यापन अभियान के दौरान जम्मू शहर में अवैध रूप से रह रहे 270 से अधिक रोहिंग्याओं को पाया, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे और उन्हें कठुआ उप-जेल के अंदर एक होल्डिंग सेंटर में रखा।

अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने की भी जोरदार वकालत की और कहा कि जम्मू-कश्मीर में केवल एक ही सत्ता केंद्र होगा। उन्होंने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार यहां काम नहीं करेगी। राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में केवल एक ही सत्ता केंद्र होगा। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भारत सरकार को इस पर गौर करना चाहिए। यह आरएसएस के नेतृत्व वाली सरकार है। हमें इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। यह भारत सरकार का वादा है और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी इसका वादा किया गया है। जिस तरह उनके चुनावी वादे पूरे हुए, उसी तरह सुप्रीम कोर्ट की प्रतिबद्धता भी पूरी होगी और राज्य का दर्जा वापस आएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता

   

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