पुष्पा ने की दो-दो शादियां, लेकिन जिंदगी में नहीं मिली खुशी

रामगढ़, 10 फ़रवरी (हि.स.)। रामगढ़ शहर के न्यू बगीचा कॉलोनी, सौदागर मोहल्ला में फांसी के फंदे पर झूलने वाली पुष्पा शुक्ला की जिंदगी में कभी खुशी नहीं आई। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली पुष्पा ने 30 वर्ष की उम्र में ही दो-दो शादियां कर ली थी। दोनों शादियों से उसने खुशी के पल गुजरने की ख्वाहिश रखी। लेकिन उसकी यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो पाई। पुलिस की जांच में यह बात स्पष्ट हुआ है कि पुष्पा ने दो बार शादी की। पहली बार जब उसने शादी की तो उसका पति विनोद उसके साथ रहा। कई वर्षों तक साथ रहने के बाद उन दोनों के बीच के संबंध बेहतर नहीं बन सके। पुष्पा और विनोद के झगड़े ने ऐसा रूप लिया कि दोनों बंधन से आजाद हो गए। पुष्पा की लाश के पास जो आधार कार्ड मिला है, उसमें अभी भी पति के रूप में विनोद का ही नाम है। रामगढ़ में श्रीनिवास चौधरी के घर में कुंदन जब रहने आया था, तो उसने पुष्पा को अपनी पत्नी के रूप में ही परिचित कराया था।

विनोद को छोड़कर पुष्पा ने दूसरी शादी बड़कागांव निवासी कुंदन शुक्ला के साथ की। कुंदन के साथ भी वह कई साल तक रही। रामगढ़ भी वह कुंदन के साथ ही आई थी। एलएंडटी कंपनी में काम करने वाला कुंदन भी पुष्पा को वह खुशी नहीं दे पाया, जिसके लिए पुष्पा ने अपने पहले पति को छोड़ा था। अपनी सात वर्षीय बच्ची के साथ पुष्पा का संघर्ष जारी रहा। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि जिंदगी से हताश होकर पुष्पा ने खुदकुशी की है। लेकिन यह हत्या है या खुदकुशी पुलिस की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

हालांकि अभी भी पुष्पा की कहानी स्पष्ट रूप से सामने नहीं आ पाई है। पिछले चार दिनों से परिवार वालों के इंतजार में उसकी लाश रामगढ़ के मोर्चरी में पड़ी हुई है। पुलिस भी अब दंडाधिकारी नियुक्त कर उसका पोस्टमार्टम कराने में जुट गई है। ना तो मायके पक्ष वालों ने और ना ही ससुराल पक्ष वालों ने पुष्पा को अपनाने के लिए पहल की। दो-दो शादियों के बावजूद दोनों ससुराल वाले पुष्पा की लाश देखने तक नहीं पहुंचे। यहां तक की मायके वालों ने भी आखरी बार उसका चेहरा देखने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। पुलिस अब कानूनी रूप से उसका अंतिम संस्कार करने का प्रयास कर रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश

   

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