बीएचयू के स्थापना दिवस पर आरएसएस के स्वयंसेवकों ने निकाला पथ संचलन
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- Feb 03, 2025
वाराणसी,03 फरवरी (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)के 110वें स्थापना दिवस पर सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मालवीय नगर काशी दक्षिण भाग के स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में पथ संचलन किया। विश्वविद्यालय परिसर स्थित कृषि विज्ञान मैदान से स्थापना स्थल तक पथ संचलन के दौरान स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा भी किया गया। पूरे राह पथ संचलन में शामिल स्वयंसेवकों के अनुशासित कदमताल लोगों में आकर्षण का केन्द्र बना रहा। सभी स्वयंसेवक दण्ड लेकर घोष वादन की धुन पर क्रमबद्ध पंक्ति में अनुशासन से चल रहे थे। पथ संचलन के बाद सरस्वती मंदिर पर वैदिक रीति से पूजा की गई।
इसके पहले कृषि विज्ञान मैदान में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के कार्यवाह डॉ वीरेंद्र जायसवाल ने कहा कि 1860 के काल खण्ड में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय, स्वामी विवेकानंद, डॉ हेडगेवार जैसे महापुरुषों ने जन्म लिया । ये सभी इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि भारत को स्वतंत्रता तो मिल जायेगी पर अपना तंत्र विकसित न होने पर पुनः भारत पराधीन हो जायेगा। उन्होंने कहा कि एक हजार वर्षों की पराधीनता ने हमें उतना नुकसान नहीं पहुंचाया जितना 1835 के बाद मैकाले के शिक्षा नीति ने पहुंचाया। देश के 16000 शिक्षा केंद्र बंद हो गए और बाद में आधुनिक शिक्षा केन्द्रों से निकलने वाले लोग मानसिक रूप से परतंत्र ही रहे । उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा अत्यंत विकसित रही है। विज्ञान, सामाजिक विज्ञानं सभी क्षेत्रों में हमारे मनीषियों ने उच्च कोटि का ज्ञान अर्जन किया, आधुनिक विज्ञान भी कई क्षेत्रों में अपना अलग प्रभाव रखता है। महामना ने इसी प्राची और प्रतीची के मेल को इस विश्वविद्यालय में साकार किया है।
महामना और डॉ हेडगेवार भारतीय संस्कृति के सेवक रहे, महामना ने विश्वविद्यालय की स्थापना और डॉ हेडगेवार ने सज्जन शक्ति का एकत्रीकरण कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना द्वारा भारतीय संस्कृति को सुरक्षित करने का कार्य किया। बतौर मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर एवं राजीव गाँधी दक्षिणी परिसर के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ विनोद मिश्र ने बताया की काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना ने समाज सेवा के विभिन्न आयामों के द्वारा संस्कृति का रक्षण किया। उन्होंने वकालत को छोड़ कर स्वतंत्रता संग्राम में भी भूमिका निभाई थी। परन्तु बाद में विकसित भारत के निर्माण के लिए इस विश्वविद्यालय को बनाया । कार्यक्रम की शुरूआत बीएचयू के कुलगीत और संघ के गुरु स्वरुप भगवा ध्वज को लगाया गया। अमृत वचन आशीष चोकसे एवं एकल गीत नंदा राय ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में काशी विभाग के विभाग संघ चालक प्रो. जयप्रकाश लाल , मालवीय नगर के नगर संघचालक डॉ विवेक पाठक,काशी प्रान्त के सह प्रान्त कार्यवाह डॉ राकेश तिवारी, सह विभाग कार्यवाह आशीष ,विभाग प्रचारक नितिन, काशी दक्षिण भाग के संघ चालक अरुण आदि की उपस्थिति रही।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी