रेवाड़ीः बिना पंजीकरण के चल रहे बाल संरक्षण गृह के खिलाफ होगी कार्रवाईः अनुपमा अंजलि
- Admin Admin
- Nov 26, 2024
रेवाड़ी, 26 नवंबर (हि.स.)। जिला में कोई भी बाल संरक्षण गृह बिना पंजीकरण के संचालित नहीं होना चाहिए। जिला में सभी बाल गृह जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत पंजीकृत होने चाहिएं। अतिरिक्त उपायुक्त अनुपमा अंजलि मंगलवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डा. दिव्या गुप्ता की वीसी के बाद जिला के बाल गृह से संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रही थीं।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जिला में कोई भी बाल गृह बिना पंजीकरण के संचालित पाया जाता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण गृहों का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है, जहां वे अच्छे नागरिक के रूप में विकसित हो सकें। बाल संरक्षण गृहों में बच्चों को न केवल रहने की सुविधाएं दी जाएं, बल्कि उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि बाल संरक्षण गृह में रहने वाला कोई भी बच्चा असुरक्षित या उपेक्षित महसूस न करे।
बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि वे देश का भविष्य हैं। बाल संरक्षण गृहों में बच्चों को उनकी उम्र और जरूरतों के हिसाब से सेवाएं दी जाएं, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें। इस मौके पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपिका यादव, पीओआईसी सरस्वती यादव, काउंसिल नीतू सैनी सहित जिला बाल संरक्षण विभाग के अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला