जबलपुर से इंदौर का सफर पांच घंटे में होगा पूरा, इटारसी-बुदनी-खातेगांव होकर बनाई जा रही नई रेल लाइन
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- Mar 20, 2025

-रेल मंत्री ने लोकसभा में दी इंदौर-बुधनी नई रेल लाइन की प्रगति की जानकारी, बोले-आसान हो जाएगा जबलपुर-इंदौर के बीच सफरभोपाल, 20 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश के जबलपुर से इंदौर का रेल सफर आने वाले समय में पांच घंटे में पूरा होगा। ऐसा इटारसी-बुदनी-खातेगांव होकर बनाई जा रही नई रेल लाइन से संभव होगा। यह जानकारी गुरुवार को जनसम्पर्क अधिकारी देवेन्द्र ओगारे ने दी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जबलपुर से इंदौर के बीच नई रेल लाइन गाडवारा-बुदनी होकर नहीं इटारसी-बुदनी-खातेगांव होकर बनाई जा रही है। यह लाइन इंदौर-देवास रेल लाइन में मांगलिया गांव के पास जुड़ेगी। इस रास्ते में भोपाल नहीं पड़ेगा। इस नई लाइन के बनने के बाद जबलपुर से इंदौर के बीच सफर आसान हो जाएगा। इससे जबलपुर और इंदौर के बीच की दूरी 150 किलोमीटर तक कम हो जाएगी और जबलपुर से इंदौर आने-जाने में दो घंटे का समय बचेगा। उन्होंने बताया कि रेल अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में नर्मदापुरम के सांसद दर्शन सिंह चौधरी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में जबलपुर से इंदौर (वाया गाडरवारा एवं बुधनी) तक बनने वाली 342 किलोमीटर लंबी रेल लाइन परियोजना की वर्तमान स्थिति और प्रगति के बारे में जानकारी दी।
रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि इंदौर (मांगलियागांव) और बुदनी के बीच (205 किलोमीटर) नई रेल लाइन के लिए 3261.82 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। मार्च-2024 तक इस परियोजना के लिए 948.37 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं तथा वर्ष 2024-25 के लिए इस परियोजना के लिए 1107.25 करोड़ रुपये का परिव्यय आवंटित किया गया है। गाडरवारा और बुधनी के बीच (137 किमी) काम आगे नहीं बढ़ाया जाना तर्क संगत नहीं हैं, क्योंकि गाडरवारा से बुधनी दोनों पहले से ही मौजूदा नेटवर्क के माध्यम से वाया इटारसी से जुड़े हुए हैं और दोनों स्थानों के बीच दूरी में कोई महत्वपूर्ण कमी नहीं है। इसलिए केवल इंदौर (मांगलियागांव) और बुदनी के बीच नई रेल लाइन परियोजना पर कार्य प्रगति पर हैं।
परियोजना से होने वाले लाभ-
उन्होंने बताया कि इस परियोजना से इंदौर से मुंबई और दक्षिण भारत के यात्रा समय में कमी आएगी। भोपाल और इटारसी के व्यस्त मार्ग (घाट सेक्शन : बुधनी से बरखेड़ा) को बायपास कर बुधनी को इंदौर से सीधे जोड़ा जाएगा। यह रेल लाइन बुधनी के मौजूदा यार्ड से शुरू होकर इंदौर के पास पश्चिम रेलवे के मांगलियागांव स्टेशन से जुड़ेगी। रेल लाइन सीहोर, देवास एवं इंदौर जिलों को जोड़ेगी। यह रेललाइन भैरूंदा, खातेगांव और कन्नौद जैसे कस्बों/गांवों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जहां वर्तमान में कोई रेल संपर्क नहीं हैं। इस परियोजना से औद्योगिक विकास, सामाजिक-आर्थिक, रोजगार सृजन और बेहतर परिवहन सुविधाओं के माध्यम से इस क्षेत्र का समग्र विकास होगा।
मालवा अंचल को भी मिली है इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना की सौगात-
इधर, रेल मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के मालवा अंचल को भी इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना की एक बड़ी सौगात दी है। इस परियोजना के तहत प्रदेश के तीन जिलों के 77 गांव से होकर रेल लाइन गुजरेगी। इसके लिए नवंबर 2024 में रेल मंत्रालय ने इन गांवों की जमीन अधिग्रहण के लिए गजट नोटिफकेशन भी जारी कर दिया था। इसके बाद मंत्रालय ने महू तहसील के 18 गांव की सूची भी जारी की। हालांकि, गांवों की सूची जारी होने के दो माह बाद भी जमीन अधिग्रहण का काम शुरू नहीं हो पाया है।
इस संबंध में रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि रेल मंत्रालय द्वारा 14 जनवरी को जारी नोटिफकेशन के अनुसार महू तहसील के खेड़ी, चैनपुरा, कमदपुर, खुदालपुरा, कुराड़ाखेड़ी, अहिल्यापुर, नांदेड़, जामली, केलोद, बेरछा, गवली पलासिया, आशापुरा, मलेंडी, कोदरिया, बोरखेड़ी, चौरड़िया, न्यू गुराडिया, और महू केंटोमेंट एरिया की चिह्नित जमीन का रेल प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहण होना है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। शीघ्र ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी।-----------
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर