भारत पर्व में राजस्थानी बावर्चियों ने लगाया देशी तड़का

जयपुर, 28 जनवरी (हि.स.)। नई दिल्ली के लाल किला प्रांगण में आयोजित छह दिवसीय भारत पर्व-2025 में राजस्थान के बावर्चियों ने देशी व्यंजनों का तड़का लगा पर्व में उपस्थित दर्शकों को राजस्थानी व्यंजन बनाने के गुर सिखाए।

भारत पर्व में स्थापित किये गए किचन स्टूडियो में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा पूसा संस्थान के होटल मैनेजमेंट के सहयोग से अलग-अलग राज्यों के व्यंजनों का लाइव किचन डेमोस्ट्रेशन करवाया जा रहा है। इस कड़ी में बाबूलाल और उनके भाई दो अन्य रसोइयों ने राजस्थान की दो विशेष डिशेज मिर्ची बड़ा और मावे की कचौरी बनाने का सजीव प्रदर्शन किया और उनकी रेसिपी भी विस्तार से बताई। स्टूडियों मे उपस्थित दर्शकों एवं व्यंजन प्रेमियों द्वारा सजीव प्रदर्शन में बनाए गए राजस्थानी व्यंजन को चखने के उपरांत उसकी प्रशंसा की।

राजस्थान के इन खानसामों ने अपने देशी व ग्रामीण अंदाज में मिर्ची बड़ा और मावे की कचोरी बनाने की पूरी विधि को रोचक अंदाज में दर्शाते हुए कहा कि राजस्थान में मशहूर तीज व त्याेहार के साथ ही मौसम व ऋतुओं और आंचलिक परिवेश के अनुसार अपने खास व्यंजन बनाये जाते है तथा रेगिस्तानी प्रधान प्रदेश होने से यहां के खान-पान का अपना एक अलग ही जायका है।

भारत पर्व में लगाए गए राजस्थान के खानपान के स्टाॅल पर प्रदेश के प्रमुख व्यंजन दाल बाटी चूरमा, राजस्थानी थाली, गट्टे की सब्जी, प्याज और मावे की कचौरी, बाजरे की खिचड़ी और रोटी, मूंग की दाल का हलवा, पाव भाजी जैसे व्यंजनों की खूब बिक्री हो रही है। इसके स्वाद और खुशबू से आगंतुक इन व्यंजनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

भारत पर्व में राजस्थान पर्यटन के स्टाॅल पर भारी भीड़ है। स्टाॅल के सामने पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न अंचलों से बुलाए गए कलाकारों द्वारा चरी नृत्य, गेर नृत्य, कठपुतली का सजीव प्रदर्शन, कच्छी घोड़ी और कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुतियां दर्शकों को अपनी ओर आकर्शित कर रही हैं। नृत्यों के आनंद में सराबोर होते हुए दर्शक कलाकारों के साथ नृत्य करते तथा सेल्फी लेते दिखाई दिए।

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