शिमला में प्रवासी मजदूरों की नियुक्ति से पहले पुलिस में सत्यापन जरूरी : डीसी अनुपम कश्यप

शिमला, 03 जून (हि.स.)। जिला प्रशासन ने शिमला में कार्य करने आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए पहचान और सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। जिला दंडाधिकारी अनुपम कश्यप ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के अंतर्गत यह आदेश आपातकालीन उपाय के तौर पर जारी किए हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू होकर आगामी दो माह तक प्रभावी रहेंगे।

जारी आदेशों के अनुसार अब कोई भी नियोक्ता, ठेकेदार या व्यापारी शिमला जिले में आने वाले किसी भी प्रवासी मजदूर को तब तक किसी भी प्रकार की सेवा, छोटी-मोटी नौकरी या अनुबंध श्रम में नियुक्त नहीं करेगा, जब तक वह मजदूर संबंधित पुलिस स्टेशन में जाकर स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) के समक्ष अपनी पहचान प्रस्तुत नहीं करता। पहचान के लिए प्रवासी मजदूर को पासपोर्ट साइज फोटो के साथ अपना व्यक्तिगत विवरण देना अनिवार्य होगा।

सिर्फ नियोक्ता ही नहीं, बल्कि कोई भी प्रवासी व्यक्ति जो शिमला में स्व-रोजगार, अस्थायी व्यापार, सेवाएं या रोजगार की तलाश में है, उसे पहले नजदीकी थाने में सूचना देनी होगी। बिना पुलिस को जानकारी दिए कार्य प्रारंभ करने वाले प्रवासी श्रमिकों और उन्हें रोजगार देने वाले नियोक्ताओं पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय शहर की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एहतियातन उठाया गया है। विशेषकर हालिया घटनाओं और बाहरी व्यक्तियों की गतिविधियों को लेकर बढ़ती सतर्कता के मद्देनज़र यह कदम आवश्यक समझा गया।

जिला दंडाधिकारी ने स्पष्ट किया कि आदेश का उद्देश्य किसी के रोजगार के अधिकार को बाधित करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि शहर में आने वाले हर व्यक्ति की पहचान और पृष्ठभूमि प्रशासन के पास दर्ज हो, ताकि किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों पर समय रहते नियंत्रण किया जा सके।

प्रशासन ने सभी नियोक्ताओं, व्यापारियों व नागरिकों से अपील की है कि वे इस आदेश का पालन करें और नियमों के अंतर्गत प्रवासी मजदूरों की जानकारी स्थानीय पुलिस थानों में दर्ज करवाएं, जिससे भविष्य में किसी प्रकार की प्रशासनिक या कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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