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•डाक विभाग ने मनाया 'राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान' का 25वां वर्ष समारोह
अहमदाबाद, 2 मार्च (हि.स.)। भारतीय डाक विभाग ने राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान का 25वां वर्ष समारोह पर एक 'कस्टमाइज्ड डाक टिकट' और एक विशेष आवरण व विरूपण जारी किया। अहमदाबाद स्थित विज्ञान भवन, साइंस सिटी में रविवार को आयोजित एक समारोह में गुजरात परिमंडल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने गुजरात सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री(राज्य मंत्री) जगदीश विश्वकर्मा एवं राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे के साथ इसे जारी किया।
गुजरात सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री (राज्य मंत्री) जगदीश विश्वकर्मा ने कहा कि गुजरात राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से नई टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए तमाम नवाचार कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश आज नित् नए आयाम रच रहा है। उद्योग जगत को भी इन नवोन्मेष का जमीनी स्तर पर खूब लाभ मिल रहा है। ‘आत्मनिर्भर भारत‘ एवं ‘विकसित भारत’ की संकल्पना के साथ स्किल डेवलेपमेंट, इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस ने तमाम नए रोजगारों को जन्म दिया है। राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के रजत जयंती समारोह पर भारतीय डाक विभाग ने डाक टिकट और विशेष आवरण जारी करके इसकी महत्त्ता को बखूबी प्रतिपादित किया है।
इस डाक टिकट के संबंध में चीफ पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि गुजरात की राजधानी गांधीनगर में ग्रामभारती,अमरापुर स्थित राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान ने अपने 25 वर्षों के सफर में सृजनात्मकता और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देते हुए नव-प्रवर्तकों को सशक्त बनाने, प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति को बढ़ावा देने और भारत को ज्ञान-केंद्रित समाज बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे में इस उपलक्ष्य में जारी यह 'कस्टमाइज्ड डाक टिकट' और 'विशेष आवरण', नवाचार को प्रोत्साहित करने, सृजनशीलता के विकास को बढ़ावा देने तथा ‘आत्मनिर्भर भारत‘ एवं ‘विकसित भारत’ के लिए स्थायी व दीर्घकालिक समाधानों का समर्थन करने में इसके दूरदर्शितापूर्ण सफर को रेखांकित करता है। चीफ पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक टिकट किसी भी देश की सभ्यता, संस्कृति और विरासत के संवाहक होते हैं। समाज में नित् हो रहे विकास को डाक टिकटों के आईने में बखूबी देखा जा सकता है। राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान पर कस्टमाइज्ड डाक टिकट की 5000 शीट मुद्रित की गई हैं, जिसमें कुल 60 हजार डाक टिकटें हैं। विशेष आवरण को इन्हीं डाक टिकटों को लगाकर विरूपित किया गया है। इस डाक टिकट और विरूपण के माध्यम से राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान की लोकप्रियता देश-विदेश में और भी विस्तृत होगी।
राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान-भारत की स्थापना 1 मार्च, 2000 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से की गई ताकि प्रौद्योगिकी संबंधी नवोन्मेष और उत्कृष्ट पारंपरिक ज्ञान को जमीनी स्तर पर बढ़ावा दिया जा सके। अपनी स्थापना के बाद से यह प्रतिष्ठान जमीनी स्तर के विचारों को प्रभावी समाधानों में रूपांतरित करने में सहायक रहा है। इस अवसर पर डॉ. गुलशन राय, चेयरमैन, एनआईएफ इनक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप काउंसिल, डॉ. गुलशन रानाडे, निदेशक, राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान, पीयूष रजक, प्रवर अधीक्षक डाकघर, गांधीनगर मंडल भी मौजूद रहे। इस समारोह में डॉ. जितेंद्र सिंह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), भारत सरकार ने भी वर्चुअली जुड़कर अपनी शुभकामनाएं दीं।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय