मुंबई मनपा की बेकरी मालिकों को राहत

फायर ब्रिगेड की नई एनओसी की जरूरत नहीं

मुंबई, 4 मार्च (हि.सं.)। मुंबई महानगरपालिका ने लकड़ी या कोयले की भट्टियों को स्वच्छ ईंधन में बदलने के इच्छुक बेकरी चालकों और भोजनालयों को बड़ी राहत दी है। जो पंजीकृत कारोबारी स्वच्छ ईंधन अपनाते हैं, उन्हें फिर से फायर ब्रिगेड का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेने की आवश्यकता नहीं होगी. गैस कनेक्न देने वाली कंपनी के प्रमाणपत्र को ही एनओसी माना जाएगा।

बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण लाने के लिए बांबे हाई कोर्ट ने लकड़ी या कोयले पर चलने वाले तंदूर की भट्टियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश मुंबई मनपा को दिया है। कोर्ट के निर्देश पर मनपा प्रशासन ने शहर के होटलों, ढाबों बेकरियों और भोजनालयों को 8 जुलाई 2025 तक स्वच्छ ईंधन का विकल्प अपनाने का निर्देश दिया है। जो पंजीकृत कारोबारी इल्क्ट्रिक, पीएनजी जैसे ईंधन अपनाते हैं, उन्हें फायर ब्रिगेड की एनओसी फिर से नहीं लेनी होगी। किसी वाणिज्यिक या आवासीय इकाई को अपना कारोबार शुरू करने से पहले फायर ब्रिगेड से एनओसी लेनी होती है। फायर ब्रिगेड संबंधित कारोबारी द्वारा किए गए अग्नि सुरक्षा उपायों का पता लगाने के बाद एनओसी जारी करता है। जो बेकरी और भोजनालय अपनी भट्टी को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) जैसे स्वच्छ ईंधन में बदलना चाहते हैं, अब उन्हें नई एनओसी लेने की जरूरत नहीं पडेगी। बीएमसी अधिकारियों के अनुसार महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) कनेक्शन के मापदंडों को प्रमाणित करेगा जो एनओसी के रूप में काम करेगा। यह नीति न केवल बेकरी बल्कि सभी पंजीकृत वाणिज्यिक संस्था पर लागू होगी। पीएनजी ईंधन का सबसे सुरक्षित तरीका है।

पिछले महीने बीएमसी अधिकारियों और बॉम्बे बेकर्स एसोसिएशन (बीबीए) के सदस्यों के साथ हुई बैठक के बाद इस तरह की नीति तैयार करने का निर्णय लिया गया था। खासकर बेकरी व ढाबा मालिकों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। बेकरी उत्पाद लकड़ी या कोयले की भट्टियों पर तैयार किए जाते हैं। इनकी भट्टियां ईंटों से बने गुंबद के आकार के होती हैं, जिनका अधिकतम क्षेत्रफल 150 वर्ग फीट होता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार

   

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