मां बाड़ी केंद्रों से आदिवासी बच्चों के पलायन काे लेकर रोत ने दी आंदोलन की चेतावनी

बांसवाड़ा, 15 जनवरी (हि.स.)। सांसद राजकुमार रोत ने वागड़ इलाके डूंगरपुर-बांसवाड़ा में मां बाड़ी केंद्रों पर बच्चों के नामांकन में भारी कमी को लेकर भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने क्षेत्रीय जनजाति विकास विभाग या टीएडी पर आरोप लगाए हैं। रोत ने 'एक्स' पर वीडियो शेयर करते हुए कहा कि मां बाड़ी केंद्रों पर बच्चों को अल्पाहार और दोपहर का भोजन दिया जाता था, साथ ही पाठ्य सामग्री, स्वेटर, जूते जैसी आवश्यक चीजें एडमिशन के समय ही प्रदान की जानी चाहिए थी, लेकिन यह सब पिछले तीन महीनों से बंद पड़ा है।

उन्होंने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि ट्राइबल एरिया डवलपमेंट विभाग द्वारा संचालित मां बाड़ी केंद्रों पर पिछले तीन-चार माह से खाद्य सामग्री, स्टेशनरी एवं विभागीय नियमानुसार अन्य सुविधा बच्चों को नहीं मिलने से हजारों आदिवासी बच्चों का केंद्रों से पलायन और शिक्षाकर्मियों को भी समय पर भुगतान नहीं। टीएडी मंत्री होश में आओ। आपकी गलत नीतियों की वजह से हजारों आदिवासी बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब रहा है। आदिवासी बच्चों का भविष्य अंधकार में डाला जा रहा है।

रोत ने कहा कि अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को पहले जो सुविधाएं और भोजन मिल रहा था, वह अब बंद हो गया है। शिक्षाकर्मी बच्चों को बुलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन सामग्री और सुविधाओं के अभाव में बच्चे केंद्रों में टिक नहीं पा रहे हैं। इस बीच, यह भी जानकारी मिली है कि अधिकारियों के भ्रष्टाचार और निजी स्वार्थ के कारण प्रक्रियाओं में देरी हो रही है, जिससे आदिवासी बच्चों का भविष्य अंधकार में डाला जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यह मामला केवल आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है, बल्कि सच्चाई यह है कि टीएडी विभाग में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है। आदिवासी बच्चों के साथ हो रहे अन्याय को समाप्त करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए। यदि जल्द ही मां बाड़ी केंद्रों पर सुविधाओं का वितरण शुरू नहीं हुआ, तो हमारी पार्टी बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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