एसआईआर संबंधी दावाें–आपत्तियों की सुनवाई केवल जिलाधिकारी कार्यालयों में होगी : चुनाव आयोग

कोलकाता, 11 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को निर्देश दिया है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तीन चरणों में से दूसरे चरण में दावों और आपत्तियों की सुनवाई केवल संबंधित जिलाधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों के कार्यालयों में ही कराई जाए। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी परिस्थिति में ब्लॉक विकास कार्यालयों या पंचायत कार्यालयों में ऐसी सुनवाई नहीं होगी। इस बाबत सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने पुष्टि की है।

निर्वाचन आयोग ने यह भी अनिवार्य कर दिया है कि सभी सुनवाई की वेबकास्टिंग हो और उसका पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाए। आयोग के कड़े निर्देशों के बाद सभी जिलाधिकारियाें और जिला निर्वाचन अधिकारियों को आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश भेजे गए हैं। राज्य के लिए विशेष रूप से नियुक्त रोल ऑब्जर्वरों को भी सतर्क रहने को कहा गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सुनवाई नियमानुसार जिलाधीश कार्यालयों में ही हो।

गुरुवार दावे–आपत्तियों के लिए उपयोग होने वाले एन्यूमरेशन फॉर्म जमा करने और उनके डिजिटाइजेशन की आखिरी तारीख है। इसके बाद 16 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित की जाएगी, जिससे तीन चरणों वाली एसआईआर प्रक्रिया के पहले चरण का समापन होगा।

ड्राफ्ट प्रकाशन के बाद दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें दावों–आपत्तियों का दाखिल करना, नोटिस जारी करना, सुनवाई, सत्यापन और अंतिम निर्णय जैसी प्रक्रियाएं शामिल होंगी। ये सभी कार्य निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों द्वारा एकसाथ संचालित होंगे। इसके बाद तीसरे और अंतिम चरण में अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। अंतिम सूची जारी होते ही विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की संभावना है।

चुनाव आयोग पहले ही इस बात पर कड़ी आपत्ति जता चुका है कि जिलाधिकारी तथा जिला निर्वाचन अधिकारियों ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बहुमंजिला निजी आवासीय परिसरों में उपयुक्त मतदान केंद्र चिह्नित करने का एक भी प्रस्ताव नहीं भेजा। आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि 16 दिसंबर को ड्राफ्ट प्रकाशन के बाद सभी डीईओ बहुमंजिला इमारतों, समूह आवासीय परिसरों, आरडब्ल्यूए कॉलोनियों, स्लम और गेटेड सोसाइटियों का सर्वेक्षण कर कम से कम 250 घरों या 500 मतदाताओं वाले परिसरों में भूतल पर उपलब्ध कमरों की जानकारी जुटाएं और उपयुक्त जगहों को मतदान केंद्र के रूप में चिह्नित करें।--------------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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