उदयपुर के बहुचर्चित भूखंड घोटाले में एसओजी ने किया एक और आरोपी गिरफ्तार
- Admin Admin
- Dec 18, 2024
उदयपुर, 18 दिसंबर (हि.स.)। उदयपुर नगर निगम के बहुचर्चित 272 भूखंड घोटाले में जांच कर रही एसओजी ने मंगलवार को एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एसओजी पूर्व में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
एसओजी की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्वाति शर्मा के अनुसार नगर विकास प्रन्यास के नगर निगम को हस्तांतरित भूखंड के कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के संबंध में सूरजपोल थाने में दर्ज मामले में मंगलवार को राजदीप पुत्र मानसिंह वाल्मीकि निवासी भटोलिया-गोरखपुर (उत्तरप्रदेश) हाल गांधीनगर-मल्लातलाई उदयपुर को गिरफ्तार किया है। इसके खिलाफ नगर निगम के हिरणमगरी सेक्टर-11 में स्थित भूखंड संख्या 747 के दस्तावेजों, आवंटन पत्र, कब्जा पत्र, कार्यालय टिप्पणी की कूटरचना अपनी माता गीतादेवी पत्नी मानसिंह वाल्मीकि निवासी फर्टीलाइजर कॉलोनी गोरखपुर (उत्तरप्रदेश) के नाम से कर स्वयं के नाम से मुख्तियारनामा आम करवाकर राजेंद्र धाकड़ के पक्ष में विक्रय इकरार करने का आरोप है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में जांच कर रही एसओजी गुजरात के पंचमहल के पूर्व वार्ड पंच राकेश सोलंकी, उदयपुर के दीपक सिंह, किशनलाल व राजेंद्र धाकड़ को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में और भी बड़े लोगों के नामों का खुलासा होने की उम्मीद है।
यह हैघोटाला
नगर विकास प्रन्यास से नगर निगम को आवासीय योजनाएं व आरक्षित भूखंड हस्तांतरित किए गए थे। उनमें से कुछ भूखंडों पर कब्जे किए जाने तथा खुर्द-बुर्द की शिकायत पर तथ्यात्मक जांच के लिए निगम के महापौर ने कमेटी गठित की थी। इसकी जांच में पाया कि प्रन्यास से प्राप्त मूल पत्रावलियों में कूटरचित आवंटन पत्र प्राप्त हुए जिनमें मूल राशि जमा नहीं थी, परंतु उनमें मूल राशि जमा की कूटरचित मोहर लगाकर नगर निगम को मूल पत्रावली हस्तांतरित हुई जिसके प्रमाणित दस्तावेजों पर सद्भावना पूर्वक विश्वास कर लीज डीड नगर निगम द्वारा जारी की गई। कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मूल्यवान प्रतिभूति की रचना कर छलकर, तथ्यों को छिपाकर, लीजधारकों द्वारा नगर निगम से लीज डीड प्राप्त की गई। इस संबंध में तत्कालीन आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ ने 2 मार्च 2022 को सूरजपोल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
यह मामला कांग्रेस पार्षद अजय पोरवाल द्वारा मीडिया में उछाले जाने से नगर निगम के भाजपा बोर्ड की काफी किरकिरी हुई। जांच पड़ताल नहीं होने पर तत्कालीन शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया और मौजूदा शहर विधायक ताराचंद जैन ने भी भूखंड घोटाले को विधानसभा में उठाया। यह घोटाला करीब 500 करोड़ का बताया जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता