भरतपुर में 13 नई लीज के विरोध में साधु-संत अनशन पर बैठे, ग्रामीणों ने कहा रोजगार जरूरी

भरतपुर, 16 सितंबर (हि.स.)। भुसावर के पहाड़ी क्षेत्रों में खनन लगातार जारी है। खनन के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में बने मंदिरों में दरार आ गई हैं। इसके कारण कालिया बाबा पहाड़ पर साधु-संतों का धरना व अनशन सोमवार को आठवें दिन भी जारी है।

साधु-संतों का कहना है कि अलीपुर में कालिया बाबा उर्फ काला पहाड़ एक धार्मिक पहाड़ है। हर अमावस्या को श्रद्धालु इसकी परिक्रमा करते हैं। इसे पूजने की भी मान्यता है। इसके बावजूद यहां खनन के लिए लीज आवंटित की गई हैं। इन लीज को ही रद्द करने की मांग की जा रही है। स्थानीय लोग लीज धारकों के समर्थन में उतर आए है। लोगों का कहना है कि लीज के आने से लोगों को रोजगार मिलेगा। लोगों ने घरों के टूटने अथवा दरार आने की बात को भी नकार दिया है। तहसीलदार राजेंद्र मीणा ने बताया कि आंदोलन स्थल पर जाकर साधु संत और लोगों से बात कर रहे हैं। सरकार द्वारा 13 नई लीज आवंटित की जा रही हैं। इसका आवेदन ऑनलाइन किया गया था। जिसमें से नौ लीज का आवंटन हो चुका है, बाकी चार लीज का आवंटन फिलहाल नहीं हुआ है। लीज के विरोध में दो सितंबर को साधु-संतों ने नायाब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा था और विरोध जताया था। इसके बाद नौ सितंबर से फटा पहाड़ पर साधु संत आंदोलन पर बैठे हैं। आसपास के स्थानीय लोग भी इस आंदोलन में भाग ले रहे हैं।

फटा पहाड़ आश्रम के चंद्रमा बाबा ने बताया कि काला पहाड़ को देवस्थान विभाग में शामिल करने की मांग है। खनन के कारण आसपास के गांव के लोग सिलिकोसिस बीमारी से मर रहे हैं। 40 गांवों के लोग साधु-संतों के साथ है और खनन को लेकर विरोध जता रहे है। आज आश्रम पर करीब 50 साधु संत सहित ग्रामीण पहुंचे और लीज को निरस्त करने की मांग की। जन सभा में कलुआ बाबा ने बताया कि प्रशासन द्वारा 13 नई लीज आवंटित की जा रही है। उन लीज के आवंटन को रोक दिया जाए। क्योंकि सरकार 13 नई लीज और बढ़ाएगी तो कालिया पहाड़ का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। आसपास के लोग कालिया पहाड़ की पूजा करते हैं। लोगों का कहना है कि गांव में लीज के आने से ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने फिलहाल किसी प्रकार के विरोध की संभावना से इनकार किया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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