भागलपुर, 30 जनवरी (हि.स.)। महात्मा गांधी शहादत दिवस सह कुष्ठ निवारण दिवस का आयोजन गुरूवार को गांधी शांति प्रतिष्ठान की ओर से प्रकाश चंद्र गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया। आज की तिथि को राष्ट्रीय एकता सांप्रदायिक सद्भाव, अहिंसा और शांति दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर सर्व धर्म प्रार्थना, पुष्पांजलि और श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
समारोह के मुख्य वक्ता डॉक्टर रवि शंकर कुमार चौधरी प्राध्यापक, टीएनबी कॉलेज भागलपुर और मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर फारूक अली पूर्व कुलपति और डॉक्टर मनोज कुमार पूर्व कुलपति अंतरराष्ट्रीय गांधी हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा उपस्थित थे। कार्यक्रम में सभी धर्म के प्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने धर्म की व्याख्या करते हुए धार्मिक भावनाओं को रखते हुए सभी धर्म के सार तत्व को परिभाषित किया गया। हिंदू धर्म की ओर से पंडित रमेश झा पप्पू, इस्ला मधर्म की ओर मोहम्मद शाहबाज और सिख धर्म की ओर से हर्षप्रीत सिंह ने अपने विचार रखें।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर रवि शंकर कुमार चौधरी ने कहा कि महात्मा गांधी 20वीं शादी के महानतम व्यक्तियों में से प्रथम थे। जिन्होंने व्यक्तिगत जीवन और सार्वजनिक जीवन में कथनी और करनी में एकरूपता स्थापित किया। उन्होंने कहा कि गांधी जी की आत्मकथा जिसे उन्होंने सत्य का प्रयोग कहा, बच्चों के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। जिसमें उन्होंने अपने जीवन के अनकहे पहलू को रखकर सत्य का साक्षात्कार किया है।
उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर जब तक मानवता जीवित रहेगा महात्मा गांधी हमारे बीच जीवित रहेंगे। आज उनके शहादत दिवस पर हम हम ही नहीं संपूर्ण राष्ट्र उन्हें नमन कर रहा है। इस अवसर पर राम रतन चूड़ी वाला, मोहम्मद तकी अहमद जावेद, डॉ उमेश प्रसाद नीरज, इंजीनियर अमन कुमार सिन्हा, अनीता शर्मा, वीणा सिन्हा, शारदा श्रीवास्तव, पूनम श्रीवास्तव, वासुदेव भाई, सुभाष कुमार प्रसाद, राजकुमार सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर