साहिबजादों ने साहस का परिचय देकर मुगलों का सामना किया : प्राचार्य
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- Dec 26, 2024
धमतरी, 26 दिसंबर (हि.स.)। बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय धमतरी के प्राचार्य डा विनोद कुमार पाठक के निर्देशन में राष्ट्रीय सेवा योजना व राष्ट्रीय कैडेट कोर के संयुक्त तत्वावधान में आज गुरुवार को वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि सिख समुदाय के अध्यक्ष सरदार जगजीवन सिंह सिद्धू ने सिखों के अंतिम गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों के अनुकरणीय साहस की कहानी बताते हुए कहा कि, गुरु गोबिंद सिंह ने सन 1699 में धार्मिक उत्पीड़न से सिख समुदाय के लोगों की रक्षा करने के उद्देश्य से खालसा पंथ की स्थापना की थी। गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्र अजीत, जुझार, जोरावर और फतेह, सभी खालसा का हिस्सा थे। उन चारों को 19 वर्ष की आयु से पहले मुगल सेना द्वारा मार डाला गया था। वीर बाल दिवस खालसा के चार साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि अंतिम सिख गुरु गोविंद सिंह के छोटे बच्चों ने अपने आस्था की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। यह उनकी कहानियों को याद करने का भी दिन और यह जानने का भी दिन है।
विशिष्ट अतिथि सिख समुदाय के सचिव सरदार जसपाल सिंह छाबड़ा ने कहा कि, जोरावर सिंह और फतेह सिंह दोनों साहिबजादों को मुगलों ने इस्लाम धर्म नहीं कबूलने पर क्रमशः आठ और पांच साल की उम्र में कथित तौर पर जिंदा दफन कर दिया गया था।
प्राचार्य डा विनोद कुमार पाठक ने कहा कि, सरकार नागरिकों, विशेष रूप से छोटे बच्चों को सिखों के अंतिम गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों के अनुकरणीय साहस की कहानी के बारे में बताने के लिए पूरे देश में संवादात्मक और सहभागी कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिन्होंने अपनी आस्था की रक्षा के लिये प्राण न्योछावर कर दिए थे। इस बीच सिख समुदाय के साहिबजदों की कहानी को प्रोजेक्टर की सहायता से समझाया गया।
इस कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारी प्रो आकांक्षा मरकाम ने मंच संचालन एवं डा ए के सिंह ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर सिख समुदाय से सरदार जितेंद्र सिंह खालसा पूर्व अध्यक्ष, सरदार ज्ञानी अरुण सिंह ग्रंथी, मनवीर कौर, जसप्रीत कौर, जसनदीप सिंह, प्रो सरला द्विवेदी, प्रो गोविंद प्रसाद, प्रो भीखम चांद साहू, प्रो किशोर चेलक, एनएसएस स्वयंसेवक संकेत कुमार साहू, संदीप यादव, परमानंद, दोमेंद्री, तिलेश्वरी व एनसीसी कैडेट्स उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा