मांगों को लेकर सचिवों की क्रमिक भूख हड़ताल जारी, हड़ताल के 29 दिन पूरे
- Admin Admin
- Apr 15, 2025

धमतरी, 15 अप्रैल (हि.स.)। शासकीयकरण की मांग पूरी होते न देख हड़ताली सचिवों ने आंदोलन तेज कर दिया है। सचिवों ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। क्रमिक भूख हड़ताल के पांच दिन पूरे हो गए हैं।
15 अप्रैल को क्रमिक भूख हड़ताल में हेमंत साहू, गिरवर साहू, ओंकार साहू, दधिचि अग्रवाल, गजेंद्र नेताम, मोहिनी साहू, गिरिजा चंदेल, श्वेता गुप्ता बैठे। जानकारी के अनुसार धमतरी जिले के 289 और धमतरी विकासखंड के 88 सचिव हड़ताल पर बैठे हैं। सचिवों की हड़ताल के कारण धमतरी विकासखंड के 40 सरपंच अभी तक प्रभार भी नहीं संभाल पाए हैं। इसकी संख्या जिले में 200 है।
गांधी मैदान मंच से सचिवाें ने जमकर नारेबाजी की। सचिवों की बेमुद्दत हड़ताल से पंचायतों में कामकाज ठप्प पड़ गया है। इससे ग्रामीणों को बेहद परेशानी होने लगी है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर जिले के सचिवों ने भी मोर्चा खोल दिया है। 17 मार्च से गांधी मैदान में बेमुद्दत हड़ताल में हैं। इससे ग्राम पंचायतों में कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ गया है। पंचायत सचिव संघ जिलाध्यक्ष भूपेश कुमार सिन्हा ने बताया कि शासकीयकरण की मांग को लेकर प्रतिनिधि मंडल ने पंचायत मंत्री से मुलाकात की थी, लेकिन सहमति नहीं बनने से वार्ता विफल रही। आंदोलन को तेज करते हुए क्रमिक भूख हड़ताल जारी रहेगी।
इस अवसर पर सचिव रेखराम साहू, राम सिन्हा, होरीलाल साहू, दधिचि अग्रवाल, कोमल नेताम, अभिषेक तिवारी, बेनीराम पाल, पूर्णिमा साहू, हेमलता, खेमिन, गीतांजलि, श्वेता साहू, प्रीति नायक, श्यामलाल विश्वकर्मा, संतराम ध्रुव, अरुण साहू, दुर्जन नेताम, प्रमोद महिलांगे, चुन्नीलाल साहू, सुभाष साहू, हेमलाल यादव सहित अन्य सचिव मौजूद थे।
पंचायतों में कामकाज ठप: सचिवों के आंदोलन से धमतरी जिले के सभी पंचायतों में कामकाज नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण प्रमाण पत्र बनाने से लेकर आवास, शौचालय जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए भटक रहे हैं। सरपंच भी सचिव के हड़ताल पर चले जाने से काम नहीं निबटा पा रहे हैं। सरकार ने सचिवों की मांग पर कोई एक्शन नहीं लिया तो हड़ताल और लंबी खिंच सकती है। जिसका असर ग्रामीण विकास कार्यों पर पड़ेगा।
नगरी में हड़ताली पंचायत सचिवों ने की नारेबाजी
शासकीय कर्मचारी बनाने की मांग को लेकर पंचायत सचिवों ने 17 मार्च को नगरी के रावणभाटा में प्रदर्शन किया। लगातार उनके हड़ताल में रहने से गांवों में कई जरूरी कार्य प्रभावित है। सचिवों के हड़ताल पर रहने से गांवों में कई तरह की दिक्कतें सामने आ रही है। ग्रामीणों की परेशानी दिनोंदिन बढ़ रही है।
सचिव संघ के अध्यक्ष अनिक ध्रुव ने बताया कि 20 अप्रैल को प्रत्येक ब्लाक के 15 -15 सचिव जंतर मंतर मैदान दिल्ली के लिए रवाना होंगे। 21 अप्रैल से मांग पूरी होने तक जंतर मंतर मैदान में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। गजेंद्र, वीरेंद्र, लक्ष्मी और अन्य सचिवों ने कहा कि वर्ष 2023-24 हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वादा किया था कि चुनाव जीतने के 100 दिवस के भीतर पंचायत सचिवाें का शासकीयकारण की गारंटी दी थी, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो पाया है। जबकि चुनाव जीतकर आए भाजपा की सरकार को करीब दो वर्ष पूरा होने वाला है, इससे पंचायत सचिवों में काफी आक्रोश है। यही वजह है कि पंचायत सचिव इस बार आरपार की लड़ाई के मूड में है, क्योंकि कई सचिव जल्द ही रिटायरमेंट के कगार पर है। शासन की अनदेखी से ऐसे सचिवों के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा