राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि रख शहीद-ए-आजम ने काटा था दाढ़ी और बाल : एमएलसी

कानपुर, 28 सितम्बर (हि.स.)। सिख धर्म में जन्म लेने के बावजूद शहीद-ए-आजम भगत सिंह राष्ट्रधर्म को सबसे बड़ा धर्म मानते थे। इसी के चलते उन्होंने राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि रख अपने केश व दाढ़ी को काटने में भी गुरेज नहीं किया। वे भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी क्रांतिकारी थे। उन्होंने चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर देश की आजादी के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया था। यह बातें शनिवार को शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 117वीं जयंती पर हुई संगोष्ठी पर शिक्षक एमएलसी राजबहादुर सिंह चंदेल ने कही।

शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 117वीं जयन्ती के शुभ अवसर पर भारत सेवक समाज कानपुर मंडल के तत्वाधान में 'क्रांतिकारियों में कानपुर की भूमिका एवं भगत सिंह का योगदान' विषयक संगोष्ठी कृष्णा प्रांगण गांधी पार्क के सामने आयोजित हुई। मुख्य अतिथि शिक्षक एमएलसी राजबहादु सिंह ने चंदेल ने कहा कि देश की आजादी में भगत सिंह सहित अनेक क्रांतिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिसका हमें सदैव सम्मान करना चाहिये। शहीद ए आजम भगत सिंह का जन्म आर्य समाजी सिख परिवार में 28 सितम्बर 1907 को तहसील जरांवाला, पंजाब प्रांत में एवं मृत्यु 23 मार्च 1931 को लाहौर पंजाब प्रांत में हुई थी। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था।

उन्होंने लाला लाजपत राय की लाठीचार्च के कारण हुई मृत्यु का बदला लेने के लिए पहले लाहौर में साण्डर्स की हत्या में भाग लिया और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह की आवाज बुलन्द की। इन्होंने असेम्बली में बम फेंकने के बाद भागने से भी मना कर दिया। कानपुर में गणेश शंकर विद्यार्थी के संरक्षण में उन्होंने प्रताप प्रेस में छद्म नाम बलवंत सिंह के रुप में लेखन कार्य भी किया, जिन्हें पुलिस कभी पकड़ नहीं पायी। भगत सिंह आजादी के लिये हिंदी को सर्वमान्य भाषा बनाने पर जोर देते थे। आज भी सारे देश में उनके बलिदान को बड़ी गम्भीरता से याद किया जाता है। इस अवसर पर लेखिका एवं कवियत्री सीमा अग्रवाल 'जागृति' ने स्वरचित रचना के जरिये शहीद ए आजम भगत सिंह एवं शहीदों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अथिति, अध्यक्ष एवं अथितियों ने सरदार भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर की गई। इस अवसर पर उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों के लिए क्षेत्रीय पार्षद एवं अन्य गणमान्य नागरिकों को मेडल पहनाकर सम्मानित भी किया गया। इस दौरान अति विशिष्ट अतिथि नागरिक सुरक्षा के उपनियंत्रक शिवराज सिंह, मुख्य वक्ता योग गुरु ओम प्रकाश आनंद, सूर्य प्रकाश लाला त्रिवेदी, मनोज सेंगर, आयकर अधिकारी शरद प्रकाश अग्रवाल, पार्षद नरोत्तम दद्दू, पार्षद वेद प्रकाश, कविता मिश्रा, इकबाल कौर, सियाराम यादव आदि मौजूद रहें।

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हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह

   

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