शाहपुरा के फड़ चित्रकार विजय जोशी पहुंचे जापान, 21 तक कोबे व ओसाका में करेगें चित्रकारी का प्रदर्शन

शाहपुरा के फड़ चित्रकार विजय जोशी पहुंचे जापान, 21 तक कोबे व ओसाका में करेगें चित्रकारी का प्रदर्शन 1शाहपुरा के फड़ चित्रकार विजय जोशी पहुंचे जापान, 21 तक कोबे व ओसाका में करेगें चित्रकारी का प्रदर्शन

भीलवाड़ा, 11 अक्टूबर (हि.स.)। विश्वविख्यात शाहपुरा फड़ चित्रकारी के ध्वजवाहक विजय जोशी एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला का परचम लहराने पहुंचे है। जोशी 21 अक्टूबर तक जापान के कोबे और ओसाका में आयोजित भारत-जापान सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के दौरान शाहपुरा की पारंपरिक फड़ चित्रकारी का लाइव प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान कला प्रेमियों को भारतीय संस्कृति और फड़ चित्रकारी की समृद्धि से परिचित कराया जाएगा, जिसमें विजय जोशी प्रमुख भूमिका निभाएंगे। विजय जोशी का जापान में यह प्रदर्शन न केवल शाहपुरा की इस समृद्ध कला शैली को आगे बढ़ाएगा, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के प्रति दुनिया का ध्यान आकर्षित करेगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे और भारतीय कला की वैश्विक पहचान और भी सुदृढ़ होगी।

फड़ चित्रकारी की अनूठी कला राजस्थान की एक पारंपरिक कला है, जो कपड़े पर महाकाव्य गाथाओं और धार्मिक कथाओं का चित्रण करती है। खासतौर पर पाबूजी और देवनारायण जी की महागाथाओं का चित्रण इन चित्रों में जीवंत होता है। यह कला शाहपुरा क्षेत्र से जुड़ी हुई है और सदियों से जोशी परिवार के कलाकार इसे जीवित रखे हुए हैं। इस कला में मोटे ब्रश और प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है, जिससे कपड़े पर कथा जीवंत हो उठती है।

विजय जोशी ने बताया कि इस कला के प्रदर्शन में वे जापानी कला प्रेमियों को फड़ चित्रकारी की विभिन्न तकनीकों से परिचित कराएंगे। लाइव प्रदर्शन के दौरान वे इस पारंपरिक चित्रकारी की प्रक्रिया को साझा करेंगे, जिसमें यह दिखाया जाएगा कि किस प्रकार से रंगों का चयन होता है, किन सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, और कैसे ये कहानियां चित्रों के रूप में उभरती हैं।

जोशी ने बताया कि फड़ चित्रकारी का अंतरराष्ट्रीय मंच पर योगदान यह कार्यक्रम भारत और जापान के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इस सांस्कृतिक मिलन के माध्यम से विजय जोशी जापानी जनता को भारतीय कला की समृद्ध परंपराओं से अवगत कराएंगे। उनके साथ अन्य भारतीय कलाकार भी होंगे, जो विभिन्न शैलियों और कला विधाओं में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यह आयोजन भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सहयोग से किया जा रहा है।

विजय जोशी के साथ देश के विभिन्न राज्यों से चार और कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे, जिन्हें विभिन्न विधाओं में निपुणता प्राप्त है। यह आयोजन भारतीय कला की विविधता और उसकी समृद्धि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पेश करने का एक शानदार अवसर होगा।

विजय जोशी को फड़ चित्रकारी के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्होंने अमेरिका, कोलंबिया, फ्रांस, जर्मनी, एम्सटर्डम, और मेक्सिको सहित कई देशों में फड़ चित्रकारी की प्रदर्शनियां और कार्यशालाएं आयोजित की हैं। भारत में भी उनकी कला का प्रमुख कला दीर्घाओं में प्रदर्शन हुआ है, जिसमें जहांगीर आर्ट गैलरी भी शामिल है। उनकी फड़ चित्रकारी को भारत और विदेशों के प्रमुख संग्रहालयों, एयरपोर्ट, राजभवन, और मंत्रालयों में सुसज्जित किया गया है।

फड़ चित्रण न केवल एक कला रूप है, बल्कि यह लोकगाथाओं और धार्मिक कथाओं का जीवंत चित्रण भी है। यह चित्रकारी का एक ऐसा रूप है, जो लोगों को अपनी परंपराओं, धरोहरों और सांस्कृतिक इतिहास से जोड़ता है। शाहपुरा में इसका उद्भव लगभग 700 साल पहले हुआ था, और तब से यह कला लगातार विकसित हो रही है। आज यह कला वैश्विक स्तर पर सराही जा रही है और इसके कलाकारों ने इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई पहचान दिलाई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद

   

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