शिमला में कई सरकारी महकमों ने नहीं चुकाया प्रॉपर्टी टैक्स, नगर निगम ने जारी किए नोटिस

शिमला, 22 जनवरी (हि.स.)। राजधानी शिमला में आम जनता को नियमों का पालन करने का पाठ पढ़ाने वाले सरकारी महकमे खुद ही प्रॉपर्टी टैक्स अदा करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। शिमला नगर निगम ने इन महकमों को बार-बार नोटिस जारी किए हैं लेकिन भुगतान नहीं हुआ। इससे नगर निगम के करोड़ों रुपये अटके हैं और विकास कार्य ठप पड़ रहे हैं।

कई विभागों पर बकाया करोड़ों की राशि

नगर निगम ने उन सरकारी विभागों की सूची तैयार की है जिन पर प्रॉपर्टी टैक्स का भारी बकाया है। शिक्षा विभाग, लोक निर्माण विभाग, आईजीएमसी, विली पार्क सर्किट हाउस और यहां तक कि केंद्र सरकार की प्रेस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों पर लाखों रुपये का टैक्स बकाया है।

नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि विली पार्क सर्किट हाउस से लगभग 65 लाख रुपये वसूलने हैं। इसी तरह केंद्र सरकार की प्रेस पर 48 लाख रुपये का बकाया है। आईजीएमसी के नए भवन से आधे टैक्स का भुगतान हुआ है लेकिन शेष राशि अब भी लंबित है। लोक निर्माण विभाग, सचिवालय के फेज तीन के नए भवन, उच्च एवं प्रारंभिक शिक्षा निदेशालयों और कांग्रेस मुख्यालय पर भी लाखों रुपये की टैक्स राशि अटकी हुई है।

विकास कार्यों पर पड़ा प्रभाव

नगर निगम के अनुसार इन सरकारी महकमों द्वारा टैक्स अदा न करने के कारण निगम के निर्माण और विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। आर्थिक तंगी के चलते नए प्रस्तावों के टेंडर नहीं लगाए जा पा रहे हैं।

महापौर ने बताया कि नगर निगम का बजट विकास कार्यों पर खर्च होता है। लेकिन सरकारी विभागों द्वारा टैक्स न चुकाने के कारण यह बजट संकट में है। इससे जनता को भी असुविधा हो रही है।

नोटिस के बाद भी नहीं हुआ भुगतान

नगर निगम ने बताया कि इन विभागों को अंतिम चेतावनी के तहत नोटिस जारी किए गए हैं। खासतौर पर विली पार्क सर्किट हाउस और केंद्रीय प्रेस को दिए गए नोटिस में जल्द से जल्द भुगतान करने की हिदायत दी गई है। महापौर ने कहा कि यदि अब भी भुगतान नहीं होता तो निगम सख्त कदम उठाने पर मजबूर होगा।

हजारों भवन मालिक भी हैं दोषी

सिर्फ सरकारी विभाग ही नहीं बल्कि शिमला के दो हजार से अधिक भवन मालिक भी इस साल प्रॉपर्टी टैक्स अदा करने में नाकाम रहे हैं। नगर निगम ने इन भवन मालिकों को भी नोटिस जारी किए हैं।

कांग्रेस मुख्यालय भी बकायेदार

चौंकाने वाली बात यह है कि सूबे में कांग्रेस की सरकार काबिज है। लेकिन कांग्रेस मुख्यालय पर भी दो साल का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। निगम ने यहां भी नोटिस जारी किए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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