शिमला की सड़कों पर साइकलिंग के लिए बनेंगे तीन ट्रैक

शिमला, 26 सितंबर (हि.स.)। जिला प्रशासन नगर में साइकलिंग को बढ़ावा देने की योजना को धरातल पर उतारने में जुटा है। इसी के तहत नगर निगम साइकिल चलाने वालों के सुरक्षित सफर के लिए शहर में तीन साइकिल ट्रैक विकसित करेगा। तीनों ट्रैक बड़े वाहनों के लिए प्रतिबंधित सड़कों पर बनाएगा। इस सिलसिले में शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने गुरुवार को साइकिलिंग एसोसिएशन ऑफ़ हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की है।

इस माैक पर उपायुक्त ने बताया कि राजधानी शिमला की विभिन्न सड़कों में साइकिलिंग लेन बनाने का प्रस्ताव है, जिसके लिए नगर निगम ने एक विस्तृत सर्वेक्षण भी किया है। प्रथम चरण में यह साइकिलिंग लेन सीटीओ चौक से समर हिल, रिटीज़ से नवबहार एवं शिमला क्लब से छोटा शिमला तक बनाने का प्रस्ताव है। उपायुक्त ने कहा कि नगर निगम के इस संदर्भ में किये गए सर्वेक्षण के आधार पर आगामी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी ताकि शिमला शहर में साइकिलिंग के प्रति सन्देश लोगों तक पहुंच सके। उपायुक्त कश्यप ने कहा कि शिमला शहर के आसपास के जंगलों में साइकिलिंग पगडंडियों के लिए एक्स्प्लोर किया जा सकता है ताकि साइकिलिंग को साहसिक गतिविधियों एवं पर्यटन के साथ जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में ग्लेन, पोटरहिल, टूटीकंडी एवं जाखू के जंगलों को इस दृष्टि से देखा जा सकता है, जहां पुराने समय में पैदल रास्ते हुआ करते थे। उन्होंने वन विभाग को इस दृष्टि से पुराने रास्तों का पता लगाने के आवश्यक निर्देश दिए।

उपायुक्त ने कहा कि युवा सेवाएं एवं खेल विभाग ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के साथ पॉटर हिल में एक हॉस्टल एवं साइकिलिंग ट्रेल्स निर्माण के संदर्भ में समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ मे जल्द ही निदेशक युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के साथ बैठक की जाएगी। कश्यप ने कहा कि शिमला शहर के विभिन्न स्कूलों में भी साइकिलिंग को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस स्कूल एवं महाविद्यालय में सुरक्षा की दृष्टि से साइकिलिंग करना सुरक्षित है, वहां पर साइकिलिंग को बढ़ावा दिया जा सकता है, ताकि छात्रों को साइकिलिंग के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि साइकिलिंग सीधे तौर पर हमारे स्वास्थ्य के साथ जुड़ा हुआ विषय है इस दृष्टि से साइकिलिंग को बढ़वा मिलना चाहिए। इसके साथ-साथ बढ़ते ट्रैफिक को कम करने, पर्यावरण एवं पर्यटन की दृष्टि से भी यह अत्यंत आवश्यक है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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