शिमला के प्रवेश द्वारों पर स्वच्छता अभियान, एसडीएम शिमला ग्रामीण ने आम लोगों से मांगा सहयोग

शिमला, 27 जनवरी (हि.स.)। प्रदेश की राजधानी शिमला की सुंदरता और स्वच्छता को बनाए रखने के लिए शिमला ग्रामीण की एसडीएम कविता ठाकुर ने शिमला के प्रवेश द्वारों पर विशेष स्वच्छता अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान शोघी, तारादेवी, शालाघाट और कैथलीघाट के आसपास के इलाकों में पिछले एक पखवाड़े से चलाया जा रहा है। एसडीएम स्वयं अपने स्टाफ के साथ प्रतिदिन सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक सफाई में जुटी रहती हैं और आम जनता से भी इस अभियान में सहयोग देने की अपील कर रही हैं।

एसडीएम कविता ठाकुर ने कहा कि शिमला की पहचान यहां की प्राकृतिक सुंदरता, स्वच्छ वातावरण और हरे-भरे पेड़ों से है। लेकिन बीते कुछ समय से शिमला के एंट्री प्वाइंट्स पर कूड़े-कचरे के अंबार देखने को मिल रहे हैं, जिससे न केवल शिमला की छवि खराब हो रही है, बल्कि पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में इन इलाकों को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त बनाने के उद्देश्य से यह अभियान शुरू किया गया है।

एसडीएम ने कहा कि शिमला को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। कचरा खुले में फेंकने की आदत को बदलना होगा और स्वच्छता बनाए रखने के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास करना होगा। उन्होंने पर्यटकों से भी अपील की कि वे शिमला में भ्रमण के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखें और गंदगी फैलाने से बचें।

एसडीएम ने कहा कि शिमला में सालभर लाखों पर्यटक आते हैं, जो यहां की प्राकृतिक खूबसूरती और शांति का आनंद लेने आते हैं। लेकिन कूड़े-कचरे के कारण शिमला की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर हर व्यक्ति स्वच्छता के प्रति जागरूक हो जाए, तो न केवल शिमला का पर्यावरण स्वच्छ रहेगा, बल्कि पर्यटकों को भी बेहतर अनुभव मिलेगा।

बता दें कि यह अभियान प्रतिदिन सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक चलाया जा रहा है और एसडीएम कविता ठाकुर खुद सफाई कार्य में शामिल होकर स्वच्छता का संदेश दे रही हैं।शिमला के शोघी, तारादेवी, शालाघाट और कैथलीघाट जैसे मुख्य प्रवेश द्वारों पर विशेष सफाई की जा रही है।

इसके अलावा स्थानीय निवासियों और दुकानदारों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

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